चारधाम यात्रा में हाई रिस्क यात्रियों की पहचान, 29 को यात्रा से रोका, ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल से निगरानी..

चारधाम यात्रा में हाई रिस्क यात्रियों की पहचान, 29 को यात्रा से रोका, ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल से निगरानी..

 

उत्तराखंड: स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा है कि चारधाम यात्रा में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा के साथ उनकी सुरक्षा भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर व्यवस्थित स्वास्थ्य प्रबंधन के तहत अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जा चुकी है। यह प्रक्रिया यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए की जा रही है। डॉ. कुमार ने कहा कि सभी स्वास्थ्य टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और यात्रा मार्गों पर मेडिकल स्टाफ, दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, एंबुलेंस आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे यात्रा पर निकलने से पहले स्वास्थ्य जांच करवा लें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना हैं कि सीएम पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर बेहतर और व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर साल यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, जिनमें बुजुर्ग, हृदय और श्वसन रोगी, तथा पहली बार पहाड़ी क्षेत्रों में आने वाले लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। ऐसे यात्रियों के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्र की ठंड और ऑक्सीजन की कमी गंभीर स्वास्थ्य खतरे बन सकती है। इन्हीं जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त किया गया हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि यात्रा पर निकलने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराएं, और यात्रा मार्ग पर दी गई चिकित्सा सलाह का पालन करें। सरकार का लक्ष्य है कि हर श्रद्धालु की यात्रा सुरक्षित, सुगम और स्वास्थ्य रूप से संतुलित रहे।

बता दे कि रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिले में इस बार 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) को सक्रिय किया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया। यात्रा प्रारंभ वाले स्थानों पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश में दो-दो, विकासनगर में दो और पौड़ी के कालियासौड़ में एक नया स्क्रीनिंग सेंटर जोड़ा गया है।

केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल..

इस बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की चिकित्सा सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार ने केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल शुरू किया है। यह अस्पताल उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीर्थयात्रियों को आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा देने के उद्देश्य से संचालित किया गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर, और 381 पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती पूरी कर दी गई है। इसके साथ ही मार्गों पर मोबाइल मेडिकल यूनिट, ऑक्सीजन सुविधा, और एम्बुलेंस सेवा भी सक्रिय हैं। केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि हर श्रद्धालु को यात्रा के दौरान समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो, ताकि किसी भी आपात परिस्थिति से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार लगातार सक्रिय है। अब तक की गई स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालुओं में हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं और अन्य गंभीर स्थितियां पाई गई हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार 29 श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सलाह के आधार पर यात्रा न करने की सिफारिश की गई और उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से वापस भेजा गया। 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर किया गया। वहीं 33 गंभीर मामलों में हेली एंबुलेंस सेवा का उपयोग कर उन्हें तुरंत उच्च चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। यात्रा मार्ग पर तैनात 154 एंबुलेंस लगातार अलर्ट मोड पर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल के माध्यम से यात्रा मार्ग पर सभी श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग का डिजिटल डाटा संकलन शुरू किया है। इसके लिए चारधाम जिलों को 50 टैबलेट वितरित किए गए हैं, जिनसे मेडिकल रिलीफ पोस्टों पर किए गए प्रत्येक स्वास्थ्य परीक्षण का रियल टाइम रिकॉर्ड पोर्टल पर अपडेट हो रहा है। इस डिजिटल निगरानी से न सिर्फ जोखिम वाले मरीजों की पहचान त्वरित हो रही है, बल्कि संभावित स्वास्थ्य आपातकाल की पहले से जानकारी मिल रही है, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव हो पा रही है।