देहरादून । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला का हिमालयन अस्पताल से अनुबंध निरस्त कराने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने अब पोस्टकार्ड अभियान चलाया है। पोस्टकार्ड अभियान के पहले दिन उत्तराखंड क्रांति दल के तमाम कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड लिखकर अनुबंध निरस्त कराने की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के डोईवाला विधानसभा प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि उत्तराखंड की जनता ने बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को प्रचंड बहुमत दिया था, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने का काम किया है, जिसके कारण इलाज कराना काफी महंगा साबित हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि जबसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला का अनुबंध ष्प्रो बोनो एग्रीमेंटष् के तहत हिमालयन अस्पताल के साथ कर दिया गया है, इसके बाद से हर छोटी-मोटी बीमारियों के मामलों में भी मरीज को हिमालयन अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने लिखा कि आज डोईवाला अस्पताल मात्र एक रेफरल सेंटर बनकर रह गया है।
अनुबंध निरस्त कराने की मांग को लेकर चल रहा उत्तराखंड क्रांति दल का आंदोलन आज 25 दिन भी जारी रहा वहीं जिलाधक्ष संजय डोभाल को अनशन करते हुए 8 दिन हो गए। संजय डोभाल ने प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर अवगत कराया है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग भी लगातार इस अनुबंध को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार सुनने को राजी नहीं। रमेश तोपवाल ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि एक तो पहले ही कोविड-19 के चलते लोग बेरोजगार हो गए हैं, वही निजी अस्पतालों में रेफर किए जाने से इलाज उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है।
उत्तराखंड महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, संगठन मंत्री सरोज रावत, प्रचार मंत्री मंजू देवी, माजरी मंडल अध्यक्ष जीवानंद भट्ट, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष धर्मवीर गुसाईं, हर्ष रावत आदि दर्जनों लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्ट कार्ड भेजे हैं। वहीं धरने में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बलबीर सिंह, गिरधारी लाल नैथानी, नारायण दत्त सेमवाल, रमा देवी, चंपा देवी, राधा देवी, सीमा रावत, महादेव प्रसाद, मीना देवी, पेशकार गौतम, श्याम सुंदर, दामोदर जोशी, राजकुमारी, बलवीर सिंह बिंद्रा, गोविंद सिंह, करतार सिंह, रमेश पांडे आदि दर्जनों लोग शामिल थे।