देहरादून । राज्य के मेडिकल कालेजों में स्टाफ की कमी को शीघ्र दूर किया जायेगा। फैकल्टी की भर्ती में आ रही दिक्कतों के मध्यनजर सेवा नियमावली में संशोधन किया जायेगा। जिसमें भर्ती की अधिकतम आयु सीमा एवं अन्य बिन्दुओं पर संशोधन प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाया जायेगा। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मध्यनजर प्रत्येक मेडिकल कालेज में बच्चों के लिए 100-100 बेड आरक्षित रखे जायेंगे। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से सभी मेडिकल कालेजों में शीघ्र पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जायेगी।
यह बात सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की भर्ती में अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष होने के कारण अनुभवी चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। इस समस्या को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को मेडिकल कालेजों की सेवा नियमावली संबंधी सभी समस्याओं को हल निकालते हुए संशोधित सेवा नियमावली शीघ्र कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से पैरा मेडिकल स्टाफ की जल्द से जल्द भर्ती कराने को कहा गया है। देहरादून, हल्द्वानी एवं श्रीनगर मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मध्यनजर बच्चों के लिए 100-100 बेड तैयार रखने को कहा गया है साथ ही कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की रोकथाम के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। बैठक में महाधिवक्ता उत्तराखंड सरकार एस. एन. बाबुलकर, सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा पंकज कुमार पाण्डेय, कुलपति एच.एन.बी. मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो. हेम चंद्र, चेयरमैन उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड डा. डी.एस. रावत, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग डा. आशुतोष सयाना, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी डा. चन्द्र प्रकाश भैसोड़ा, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर डा. सी.एम.एस. रावत, प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज हरिद्वार डा. प्रदीप भारती गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य मेडिकल कालेज अल्मोड़ा डा. ए.के. आर्य, उप निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. एम. के. पंत, सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।