जीवन को अमृतमय बनाने वाली है संस्कृत भाषाः डा. राम भूषण बिजल्वाण

देहरादून। आजादी के अमृत महोत्सव की 75वीं वर्षगांठ पर देहरादून के सुप्रतिष्ठित संस्कृत महाविद्यालय श्री गुरुरामराय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय में शासकीय प्रोटोकाल के तहत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राम भूषण बिजल्वाण द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर सभी अमर शहीदों, स्वतंत्रता सैनानियों को याद करते हुए उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। छात्र-छात्राओं द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव पर संस्कृत वांग्मय में वीर पुरुषों की गाथाओं पर रचित काव्य का पाठ किया गया साथ ही कई देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बिजल्वाण ने अपने संबोधन मे कहा कि आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर उन तमाम अमर शहीदों को अमर बलिदानियों को याद करने तथा श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिनके शौर्य, बलिदान देशभक्ति और पुरुषार्थ के कारण हम देशवासी आज आजादी का पर्व मना रहे हैं।
डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने यह भी कहा कि पिछले तीन दिन से हर घर में हर हाथ में तिरंगे का लहराना प्रत्येक देशवासी के लिए गर्व की बात है भारत की आन-बान और शान है हमारा तिरंगाश् तिरंगे का सम्मान करना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है तिरंगा भारत भूमि के त्याग, तपस्या, शौर्य, बलिदान, शांति, सत्य, समृद्धि, ऐश्वर्य का प्रतीक है। डॉ बिजल्वाण ने कहा कि यह भारत युवाओं का देश है आप सभी युवा छात्र राष्ट्र के भविष्य है देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है आईए आज अमृतवर्ष पर हम सब संकल्प लें कि अपने राष्ट्र को हर उचाईयों तक ले जाने का प्रयास करेंगे सभी लोग ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। यह भी कहा कि संस्कृत भारत का गौरव है संस्कृत भाषा के बिना एक सव्य, सुसज्जित और सुसंस्कृत समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। आने वाला समय भारतीय भाषाओं का है डॉ बिजल्वाण ने सभी युवाओं से संस्कृत पढ़ने का आह्वान भी किया। ध्वजारोहण समारोह के बाद 9.30 बजे से महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्रों एवं सभी शिक्षक-शिक्षणेतर द्वारा भव्य एवं विशाल तिरंगा सम्मान यात्रा निकाली गयी जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं एवं सभी शिक्षकगण सम्मिलित हुए। तिरंगा यात्रा झंडा बाजार देहरादून स्थित महाविद्यालय परिसर से भंडारी चैक-हनुमान चैक धामावाला-दर्शनी गेट-लक्खीबाग-सहारनपुर रोड-सहारनपुर चैक से होते हुए गुरुरामराय दरबार साहिब-झंडा साहिब झंडा बाजार होते हुए वापस महाविद्यालय परिसर तक निकाली गई। इस अवसर पर डॉ शैलेंद्र डंगवाल, डॉ सीमा बिजल्वाण, आचार्य मनोज शर्मा, आचार्य नवीन भट्ट, आचार्य नीरज फोन्दनी, आचार्य योगेश सकलानी, शिवम अवस्थी, गौरव जोशी, पूजा, प्रियंका, मनीषा के साथ-साथ संस्कृत छात्रसेवा समिति के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे हैं।