देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर वह भाजपा के लिए कार्य करना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। पत्र में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वह भाजपा और जनता के लिए कार्य करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें आगामी चुनाव नहीं लड़ाया जाए।
त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की दोबारा सरकार बनाने के लिए वह कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव नहीं लड़ने के साथ ही एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें हार का डर सता रहा है? दूसरी ओर, राजनैतिक सूत्रों की माने, तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद पिछले साल 09 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
बताया जा रहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। पर्यवेक्षकों ने कोर ग्रुप और प्रमुख विधायकों-सांसदों की राय के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व को बताया है कि राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। भाजपा विधायकों ने उत्तराखंड पहुंच पर्यवेक्षकों के सामने यह आशंका जताई थी कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री रहे तो पार्टी अगला चुनाव हार सकती है। दिल्ली से विशेषतौर से भेजे गए पर्यवेक्षक रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद सिंह ने अपनी रिपोर्ट पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी थी। इस समय त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून जिले की डोईवाला विधानसभा सीट से विधायक हैं।