देहरादून। दिगंबर जैन महासमिति उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल महिला अंचल का धार्मिक नैतिक शिक्षण शिविर 105 क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी महाराज के सानिध्य में जैन धर्मशाला 60 गांधी रोड में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुमकुम जैन (पत्नी डॉक्टर आर के जैन अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग), विपिन जैन सर्राफ मेरठ, मोहित जैन सीए, नरेश चंद जैन उत्तराखंड जैन समाज के अध्यक्ष सुखमाल चंद्र जैन, जैन भवन के मंत्री संदीप जैन, डॉक्टर संजय उपस्थित जैन रहे। 105 क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी महाराज ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम वास्तव में बच्चों को सही दिशा में ले जाने का सही रास्ता ह,ै जिस तरह आजकल बच्चे अपने व्यस्ततम समय में से यह सब सीख रहे हैं जिससे ही बधाई के पात्र हैं। बचपन मंे जो संस्कार बच्चों के अंदर आ जाते हैं वह जीवन पर्यंत उनके काम आते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहित जैन, गौरव विपिन जैन ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करेंगे तो धर्म प्रभावना निरंतर भविष्य में बहती रहेगी। हमें हमारे बच्चों को धार्मिक संस्कार जरूर देनी चाहिए तभी वह आगे चलकर धर्म की राह पर चल पाएंगे और सही राह देखेंगे और दिखाएंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन वंदना जैन ने किया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी मधु जैन ने बताया कि अनेक बच्चों ने धार्मिक रंगारंग ज्ञानवर्धक मन को मोहने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। समापन समारोह रविवार को आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 3 वर्गों में विभाजित रहा। प्रथम वर्ग 10 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चे, द्वितीय वर्ग 10-18 वर्ष तृतीय वर्ग 18 वर्ष से…सभी आयु के व्यक्ति प्रतिभागी रहे। संरक्षिका बीना जैन तथा अध्यक्षा रचना जैन ने इस शिक्षण शिविर का लाभ बताते हुए परिणाम घोषित करते हुए सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया। प्रथम वर्ग मे प्रथम सार्थक जैन द्वितीय आराध्य जैन एवं तृतीय तनिष्क जैन रहे तथा द्वितीय वर्ग में प्रथम अनन्या जैन द्वितीय अविका जैन तृतीय आर्जव जैन रहे। तृतीय वर्ग मे प्रथम नितिन जैन व लता जैन रहे द्वितीय प्राची जैन व मंजू जैन रहे तृतीय प्रतिका जैन व रंजना जैन रहे। इस कार्यक्रम में सचिन जैन, बबीता,साधना, प्रीति, कामना, मधु, मंजू, हर्षिदा, सारिका, सरिता, शेफाली ज्योति राज, प्रभा, संगीता, बच्चों में तनिष्का जैन, दृशि जैन, विविध जैन, देवीशा, सेजल, अविका, सार्थक, आशी, अरिहंत, आशिती, आराध्या आदि, अदिति आदि उपस्थित रहे।