देहरादून । प्रदेश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जनपद स्तरीय समीक्षा अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से ली गई। बैठक में इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई। अपर सचिव द्वारा इन्फ्लूएंजा वायरस के मद्देनजर सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिसपर मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा जैसे एच3एन2 इन्फ्लुएंजा, एच1एन1 इन्फ्लुएंजा, इन्फ्लुएंजा बी, आदि के बचाव हेतु स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आईसोलेसन सुविधा, बैड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गये हैं।
अपर सचिव ने बताया की राज्य स्तर से जनपदों द्वारा मौसमी इन्फ्लुएंजा के संबंध में किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतरू ही ठीक हो जाते हैं। वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी बल दिया गया।
मौसमी इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के बारे मे जनमानस में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मौसमी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए आम जनमानस में क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित किया जाए।
बैठक के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता जैसे- हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि को आम जनमानस के बीच बढावा दिए जाने पर बल दिया गया। साथ ही बैठक के दौरान सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव हेतु जुड़ी जानकारियों को समय-समय पर अपने स्तर से मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पुहंचाए जिससे सही सूचना सही समय पर समुदाय तक पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांति न फैले। वर्चुअल बैठक के दौरान एन.एच.एम. निदेशक डॉ सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आई.डी.एस.पी. डॉ. पकंज कुमार सिंह, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, आई.डी.एस.पी. यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।