बुजुर्गों के लिए सहारे के रूप में आयुष्मान लाठी बनकर सामने आयाः डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून । राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना में अब तक 05 लाख 33 हजार से अधिक बार लाभार्थी मुफ्त उपचार ले चुके हैं, जिसमें बड़ी बीमारियों के अलावा छोटी से छोटी बीमारियां भी शामिल हैं। प्रदेश के प्रत्येक परिवार को इस योजना में कवर किया गया है। जिसमें पांच लाख प्रति वर्ष प्रति परिवार की मुफ्त उपचार सुविधा उपलब्ध है। बच्चे हों, बड़े हों या बुजुर्गों हों उत्तराखंड में हर व्यक्ति को इस योजना के दायरे में लाया गया है। उत्तराखंड में जहाँ इस योजना से हर आयु वर्ग, हर जाति वर्ग को लाभ मिला यह! वहीं बुजुर्ग लाभार्थियों की बड़ी संख्या सामने आई है।
बुजुर्गों के लिए भी यह योजना वरदान साबित हुई है। विगत लगभग चार वर्षों में 60 साल से लेकर अधिकतम 104 साल के लगभग 1 लाख 35 हजार से अधिक बार बुजुर्गों ने इस योजना से मुफ्त उपचार लिया है और जिसपर सरकार 2 अरब 50 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर चुकी है। आपको बता दें की 60 से 70 आयु वर्ग के लगभग 91 हजार से अधिक बार बुजुर्गों ने मुफ्त उपचार लिया है। ऐसे ही 71 से 80 आयु वर्ग के लगभग 38 हजार सेे अधिक बार, 81 से 90 आयु वर्ग के 5500 से अधिक बार तथा 91 से लेकर अधिकतम 104 आयु वर्ग के 407 से अधिक बार बुजुर्ग मुफ्त उपचार ले चुके हैं। वहीं अगर हम 13 जिलों की बात करें तो अल्मोड़ा में 3000 से अधिक, बागेश्वर में 1200 से अधिक, चमोली में 4400 से अधिक, चंपावत में 1200 से अधिक, देहरादून में 39500 से अधिक, हरिद्वार में 23000 से अधिक, नैनीताल में 11000 से अधिक, पौड़ी गढ़वाल में 15400 से अधिक, पिथौरागढ़ में 3200 से अधिक, रुद्रप्रयाग में 2400 से अधिक, रुद्रप्रयाग में 2400 से अधिक, टिहरी गढ़वाल में 8000 से अधिक, उधम सिंह नगर में 18600 से अधिक, और उत्तरकाशी में 4200 से अधिक बार बुजुर्ग मुफ्त उपचार ले चुके हैं । कुल मिलाकर अगर हम बात करें तो अब तक उत्तराखंड में लगभग 01 लाख 35 हजार से अधिक बार बुजुर्गों ने आयुष्मान योजना मुफ्त उपचार प्राप्त किया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के हर व्यक्ति को मुफ्त उपचार सुविधा मिले उसके लिए वे निरंतर कार्य कर रहे हैं, मंथन कर रहे हैं। उन्होंने कहा की आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान ने भी रफ़्तार पकड़ी है। उन्होंने कहा कि योजना को जहाँ भी बेहतर करने की गुंजाइश महसूस होती है वहां पूरी इमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के मुफ्त उपचार के आंकड़े दर्शाते हैं कि किस प्रकार से उत्तराखंड मे स्वास्थ्य व्यवस्था में अन्य आयु वर्गों के साथ-साथ बुजुर्गों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा की आयुष्मान योजना का लाभ जन-जन को मिले उसके लिए वे समय- समय पर आयुष्मान योजना की अधिकारियों के साथ समीक्षा भी करते हैं। उन्होंने कहा की आज बुजुर्गों के लिए सहारे के रूप में आयुष्मान लाठी बनकर सामने आया है। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा की बुजुर्गों के 135000 मुफ्त उपचार का आंकड़ा हम सबके लिए आशीर्वाद समान है।