शिक्षा भवन निर्माण की गति बढ़ाने को सीएस ने दिए निर्देश, हर कार्य की तय होगी समय-सीमा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु थाराष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत राज्य में चल रही कार्यवाहियों की समीक्षा और आगामी कार्ययोजना का निर्धारण। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग परीक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम संरचना, शिक्षक प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया में NEP-2020 के अनुरूप बदलावों को समयबद्ध और प्रभावी ढंग से लागू करे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक जिले में NEP के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट तैयार करें और उसमें चुनौतियों व समाधान को भी स्पष्ट रूप से दर्शाएं।
सीएस ने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य की शिक्षा प्रणाली को व्यवस्थित ढंग से अपडेट किया जाए। सीएस ने निर्देश दिए कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत चल रही ‘भारत दर्शन योजना‘ को इस साल 1 हजार छात्रों तक और अगले साल 5 हजार छात्रों तक विस्तारित किया जाए। सीएस ने यात्रा अवधि को 7 दिन किए जाने और विज्ञान, तकनीकी और सैन्य संस्थानों के भ्रमण को शामिल करने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने प्रदेश भर में प्रस्तावित 559 क्लस्टर विद्यालयों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक माह के भीतर सभी भवनों की DPR तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा। बैठक के दौरान सीएस ने संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों से फोन पर बातचीत कर निर्धारित समयसीमा के भीतर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने स्मार्ट क्लासरूम और कंप्यूटर लैब के लिए भी डीपीआर एक महीने में तैयार करने का आदेश दिया।
सीएस ने कहा कि विभागीय निदेशक स्वयं जिलों का भ्रमण करें और ज़िलाधिकारियों तथा कार्यदायी संस्थाओं के साथ समन्वय बनाकर कार्यों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि फील्ड विज़िट्स से स्थानीय समस्याओं की तुरंत पहचान और समाधान संभव होगा, जिससे निर्माण कार्यों की गति में सुधार आएगा।मुख्य सचिव ने क्लस्टर विद्यालयों में छात्रों की आवाजाही के लिए वाहन भाड़े से जुड़े लंबित मामलों को लेकर चिंता जताई।उन्होंने निर्देश दिए कि इन समस्याओं के समाधान के लिए जिलास्तरीय समितियों की बैठकें शीघ्र आयोजित की जाएं, ताकि छात्रों को निर्बाध आवागमन की सुविधा मिल सके।