केदारनाथ यात्रा में एलएसडी ड्रग्स के साथ युवक गिरफ्तार, पुलिस ने सख्ती बढ़ाई..

केदारनाथ यात्रा में एलएसडी ड्रग्स के साथ युवक गिरफ्तार, पुलिस ने सख्ती बढ़ाई..

 

 

 

उत्तराखंड: देवभूमि की पवित्र केदारनाथ यात्रा के दौरान ड्रग्स तस्करी का पहला मामला सामने आया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), देहरादून की टीम ने यात्रा पर आए महाराष्ट्र के एक युवक को एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) के साथ गिरफ्तार किया है। एनसीबी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया, जिसके बाद तलाशी के दौरान उसके पास एलएसडी की खेप बरामद हुई। प्राथमिक पूछताछ में उसने माना कि वह ड्रग्स की तस्करी के इरादे से यात्रा में शामिल हुआ था। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है और एनसीबी यह पता लगाने में जुटी है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह तो सक्रिय नहीं है।

केदारनाथ यात्रा के दौरान एलएसडी ड्रग्स (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) के साथ महाराष्ट्र के एक युवक की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस घटना को यात्रा के दौरान ड्रग्स तस्करी का पहला मामला माना जा रहा है। एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) देहरादून की टीम ने यह कार्रवाई 3 जुलाई को फाटा में की। एनसीबी की यह कार्रवाई देशभर में ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामलों में पकड़े गए आरोपियों से मिली सूचनाओं के आधार पर की गई थी। इस कार्रवाई के बाद जिला पुलिस ने यात्रा मार्ग और अन्य संवेदनशील स्थानों पर जांच अभियान तेज कर दिया है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां अब यात्रियों की स्कैनिंग और संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी पर विशेष ध्यान दे रही हैं। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है। एनसीबी और स्थानीय पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले के पीछे कोई संगठित तस्कर गिरोह सक्रिय है, जो धार्मिक यात्राओं की आड़ में ड्रग्स की तस्करी कर रहा है।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और गुप्तकाशी थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर महाराष्ट्र निवासी युवक शशिकांत को 0.26 ग्राम एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) के साथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई 3 जुलाई को की गई थी। आरोपी ने पूछताछ में कबूला कि उसने यह साइकोएक्टिव ड्रग डाक के ज़रिए मंगवाई थी, और इसका सेवन स्वयं करने की मंशा से वह केदारनाथ यात्रा पर आया था। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग और स्थानीय स्तर पर इस तरह की हाई-पोटेंसी ड्रग्स के पकड़े जाने का यह पहला मामला है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद यात्रा मार्ग पर ड्रग्स की तस्करी और सेवन पर रोकथाम के लिए निगरानी और जांच और अधिक सख्त की जा रही है। आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है। पुलिस और एनसीबी इस मामले की डार्क वेब और साइबर डिलीवरी चैनल के माध्यम से भी जांच कर रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने यह नशा “एसिड ट्रिप” के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मंगवाया था। एनसीबी टीम ने आरोपी के साथ यात्रा पर आए अन्य साथियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस मामले में कोई और व्यक्ति संलिप्त तो नहीं है या यह कोई संगठित नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं। एलएसडी को आमतौर पर “एसिड ट्रिप” के नाम से जाना जाता है। यह एक गंधहीन, रंगहीन और स्वादहीन साइकोएक्टिव ड्रग होती है। इसे आमतौर पर कागज के बहुत छोटे टुकड़ों पर सुलझाकर चाटने या निगलने के रूप में सेवन किया जाता है, जिससे व्यक्ति को तीव्र मानसिक भ्रम, मतिभ्रम और तंत्रिका संबंधी उत्तेजना का अनुभव होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एलएसडी का सेवन मानसिक संतुलन को बुरी तरह बिगाड़ सकता है और उच्च मात्रा में यह जानलेवा भी हो सकता है। इस ड्रग का धार्मिक या तीर्थ यात्राओं में प्रवेश होना अत्यंत चिंता का विषय बन गया है। पुलिस और एनसीबी की संयुक्त टीम डार्क वेब, डाक सेवा और अन्य संभावित चैनलों के माध्यम से भी जांच कर रही है। साथ ही, उत्तराखंड पुलिस ने तीर्थ यात्रियों और होटल-ढाबा संचालकों से संदिग्ध गतिविधियों की तत्काल सूचना देने की अपील की है।