जानिए 10 जनवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस ?

जानिए 10 जनवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस ?

 

देश-विदेश: हमारे देश की राजभाषा हिंदी है। भारत ही नहीं बल्कि हिंदी भाषा को बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, फिलीपींस, पाकिस्तान समेत कई देशों में भी बोलचाल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हिंदी दुनिया में बोली जाने वाली पांच प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा की इसी लोकप्रियता को देखते हुए और हिंदी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल 10 जनवरी के दिन को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा सन 1975 में नागपुर में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसके बाद साल 2006 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने विश्व हिंदी दिवस को औपचारिक रुप से मनाने की घोषणा की थी। ऐसे में क्योंकि पहली बार इस दिन को मनाने की पहल 10 जनवरी को की गई थी, इसी कड़ी में साल 2006 के बाद हर साल इसे 10 जनवरी के दिन मनाया जाता है। हर साल 10 जनवरी को हिंदी दिवस पर अलग-अलग थीम तैयार की जाती है। इस बार हिंदी दिवस 2024 के लिए हिंदी “पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता” थीम तय की गई है।

‘हिंदी’ शब्द कहां से आया है?

कई इतिहासकार मानते हैं कि हिंदी फारसी से आया शब्द है। पार्शिया (अब ईरान) के लोग सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हेंडी कहते थे और उनकी भाषा को इंडी कहा जाता था। यही शब्द बाद में बिगड़कर हिंदी हो गया। हालांकि, यह भी बता दें कि फारसी और हिंदी इन दोनों भाषाओं का मूल एक ही भाषा है। दोनों ही संस्कृत भाषा से अपभ्रंश होकर बनी हैं।

हिंदी से जुड़ी दिलचस्प बातें

दुनियाभर में करीब 75 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं जिनमें से 53 करोड़ भारत में मौजूद हैं।

भारत के बाद सबसे ज्यादा नेपाल में बोलचाल के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं तीसरे नंबर पर अमेरिका है।

साल 2011 के आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में एक लाख से ज्यादा लोग हिंदी भाषा बोलते हैं।

विदेश में 25 से ज्यादा पत्रिकाएं नियमित रुप से हिंदी भाषा में प्रकाशित की जाती है।

यूएई में एफएम रेडियो के कम से कम 3 ऐसे चैनल हैं, जहां 24 घंटे हिंदी फिल्मों के गाने सुने सकते हैं।

दुनियाभर में हिंदी की पढ़ाई को अब अंग्रेजी जितना अहम माना जाता है। करीब 40 देशों के 600 से ज्यादा नामी-गिरामी विश्वविघालयों, कॉलेजों और संस्थाओं में हिंदी पढ़ाई जाती है। इनमें भी अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में साल 1815 से और जापान की टोक्यो यूनिवर्सिटी में करीब 100 साल से ज्यादा समय से हिंदी का अध्ययन हो रहा है।