विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर बिछी बर्फ की चादर, 31 अक्टूबर से बंद हो जाएगी पर्यटक आवाजाही..
उत्तराखंड: विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान इन दिनों सफेद बर्फ की चादर से ढक गई है। जहां कभी रंग-बिरंगे फूलों की महक बिखरी रहती थी, वहीं अब घाटी चारों ओर से बर्फ से लकदक दिख रही है। समय से पहले हुई बर्फबारी के कारण घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य अब एक अलग ही रूप में नजर आ रहा है, जिसे देखने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। वन विभाग के अनुसार फूलों की घाटी 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी, जिसके बाद सर्दियों के मौसम में इसे बंद कर दिया जाएगा। इस समय घाटी में फूलों की संख्या कम हो चुकी है, लेकिन बर्फ से ढकी ढलानें, घास के मैदान और पर्वतीय शृंखलाएं मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही हैं। हर साल जुलाई से सितंबर के बीच यह घाटी अपने दुर्लभ और रंग-बिरंगे फूलों के लिए प्रसिद्ध रहती है, लेकिन इस बार अक्टूबर के आरंभ में ही हुई बर्फबारी ने यहां का परिदृश्य पूरी तरह बदल दिया है।
पर्यटक अब यहां सर्द मौसम, बर्फीली हवाओं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे हैं। स्थानीय गाइडों और ट्रेकिंग समूहों के अनुसार, इस समय घाटी में आने वाले पर्यटक मुख्य रूप से बर्फ से ढके ट्रेल्स और फोटोग्राफी के लिए पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बर्फबारी के कारण ऑफ-सीजन में भी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है, जिससे आसपास के गांवों में रौनक लौट आई है। हर साल फूलों की घाटी अपने रंगीन फूलों के लिए जानी जाती है, लेकिन इस बार बर्फ से ढकी घाटी देखने का अनुभव कुछ अलग ही है। वन विभाग ने पर्यटकों से अपील की है कि घाटी की यात्रा के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखें और कचरा न फैलाएं, ताकि यह प्राकृतिक धरोहर अपनी सुंदरता बनाए रख सके। स्थानीय टूर ऑपरेटर संजय सती का कहना है कि घाटी में इस बार समय से पहले बर्फबारी हुई है जिसके चलते घाटी में पर्यटक बर्फ देखने और उसका आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने कहा कि बर्फबारी के बाद घाटी में हर दिन आठ से दस पर्यटक पहुंच रहे हैं।