डिप्लोमा इंजीनियरों को जल्द मिलेगी राहत, PWD मंत्री सतपाल महाराज ने की अहम घोषणाएं..
उत्तराखंड: उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (PWD) में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियरों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। शनिवार को देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला गढ़ीकैंट में आयोजित उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के द्वादश वार्षिक सम्मेलन में लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने वर्चुअल माध्यम से इंजीनियरों को संबोधित किया। मंत्री महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार डिप्लोमा इंजीनियरों की समस्याओं को लेकर गंभीरता से कार्य कर रही है और जल्द ही उनकी कई लंबित मांगों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेवा संबंधी लाभ, पदोन्नति प्रक्रिया और कार्य-संस्कृति सुधार को प्राथमिकता दी जाएगी। सम्मेलन में राज्य भर से आए सैकड़ों डिप्लोमा इंजीनियरों ने अपनी मांगों और चुनौतियों को सामने रखा। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों और अन्य संघ पदाधिकारियों की उपस्थिति भी रही।
मंत्री ने कहा कि विभाग की आवश्यकता के अनुसार कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता और अन्य उच्च पदों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसे शीघ्र अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे दुर्गम और भौगोलिक चुनौतियों वाले राज्य में डिप्लोमा इंजीनियर सड़क, पुल, जलापूर्ति और भवन निर्माण जैसे क्षेत्रों की आधारशिला हैं। महाराज ने इंजीनियरों की सेवा संबंधी समस्याओं, पदोन्नति, और कार्य-संस्कृति सुधार पर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सम्मेलन में राज्य भर से आए डिप्लोमा इंजीनियरों ने विभाग से जुड़ी अपनी समस्याएं साझा कीं।
मंत्री ने सम्मेलन में प्रस्तुत 12 सूत्रीय मांग पत्र पर सरकार की ओर से सकारात्मक रुख जताते हुए कहा कि सभी न्यायोचित मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 से 2025 के बीच 90 कनिष्ठ और अपर सहायक अभियंताओं को सहायक अभियंता पद पर पदोन्नति दी है। इसके साथ ही 172 अभियंताओं को 20 वर्ष की सेवा पूरी करने पर ग्रेड वेतन 6600, 243 अभियंताओं को 10 वर्ष की सेवा पर ग्रेड वेतन 5400 की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में डिप्लोमा इंजीनियर सड़क, पुल, जल आपूर्ति और भवन निर्माण जैसी आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विभागीय पदों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया भी तेजी से अंतिम चरण में है।