उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 6-9 दिसंबर की PCS मुख्य परीक्षा को रोका..

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 6-9 दिसंबर की PCS मुख्य परीक्षा को रोका..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने पीसीएस 2025 की मुख्य परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया है। यह निर्णय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा चार दिसंबर को पारित आदेश के बाद लिया गया। आयोग ने पहले 7 मई 2025 को जारी विज्ञापन और फिर 6 दिसंबर से 9 दिसंबर 2025 तक प्रस्तावित मुख्य परीक्षा को अगले आदेश तक रोक दिया है। नई परीक्षा तिथियों की जानकारी आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी की जाएगी। आदेश सचिव अशोक कुमार पाण्डेय की ओर से जारी किया गया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ के समक्ष हुई। न्यायालय ने आयोग को निर्देश दिए हैं कि सामान्य अध्ययन विषय के एक गलत प्रश्न को हटाकर प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया जाए। इसके अलावा वर्ष 2022 के रेगुलेशन के अनुसार नई मेरिट सूची भी तैयार की जाए। आयोग की इस घोषणा के बाद अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट और ऑफिशियल नोटिफिकेशन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं ताकि नई परीक्षा तिथियों और संशोधित परिणाम की जानकारी मिल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाने से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। इस निर्णय के बाद आयोग की ओर से उम्मीदवारों को उचित समय पर नई परीक्षा तिथियां और संशोधित मेरिट सूची जारी करने की उम्मीद है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी अफवाह या अनौपचारिक जानकारी पर ध्यान न दें और केवल आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से ही सूचना लें।

मामले के अनुसार, कुलदीप कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। प्रारंभिक परीक्षा राज्य में डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक, वित्त अधिकारी-कोषाधिकारी, सहायक आयुक्त राज्य कर, राज्य कर अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित 120 से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी। इसका परिणाम आठ अक्टूबर को जारी किया गया था, जिसमें करीब 1200 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद अब अभ्यर्थियों में असमंजस का माहौल है। आयोग ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी अफवाह या अनौपचारिक जानकारी पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ही नई सूचना प्राप्त करें। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायालय के निर्देशों के अनुसार उठाए गए सुधारात्मक कदम से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा।

याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन का एक प्रश्न गलत तरीके से बनाया गया था, जिससे परिणाम प्रभावित हुआ। इस पर लोक सेवा आयोग ने भी कोर्ट में स्वीकार किया कि सामान्य अध्ययन का एक सवाल गलत था जिसे हटाया जाना चाहिए था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की प्रस्तावित मुख्य परीक्षा पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। अब संशोधित प्रारंभिक परिणाम और नई मेरिट सूची जारी होने के बाद आगे की प्रक्रिया तय होगी। याचिकाकर्ता की ओर से तीन अन्य प्रश्नों और उनके विकल्पों को भी गलत बताया गया था। इस पर अदालत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्न संख्या 70 को पूरी तरह से हटाया जाए। शेष तीन विवादित प्रश्नों की जांच एक विशेषज्ञ समिति (एक्सपर्ट कमेटी) से कराई जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि जब तक इन प्रश्नों की निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हो जाती और मेरिट सूची को सही ढंग से दोबारा तय नहीं किया जाता तब तक मुख्य परीक्षा कराना उचित नहीं होगा।