राज्य कर्मचारियों की सैलरी योजना की धीमी प्रगति पर प्रमुख सचिव वित्त ने जताई नाराजगी..
उत्तराखंड: प्रमुख सचिव वित्त आर.के. सुधांशु ने गुरुवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में राज्य सरकार के कर्मचारियों को कॉरपोरेट सेविंग बैंक सैलरी योजना से जोड़ने की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान यह तथ्य सामने आया कि राज्य के लगभग 1 लाख 56 हजार सरकारी कर्मचारियों में से केवल 60 प्रतिशत को ही अब तक इस योजना से जोड़ा गया है। इस धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शेष सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द योजना से जोड़ा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा सभी कार्मिकों को इस योजना का लाभ देने की है, जिससे उन्हें बैंकिंग सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न वित्तीय लाभों का सीधा फायदा मिल सके। प्रमुख सचिव ने यह भी कहा कि संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्यवाही को तेज करें और एक निश्चित समयसीमा के भीतर लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करें।
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज योजना के तहत निशुल्क बीमा कवर और अन्य वित्तीय लाभ प्रदान करने के लिए देश के सात प्रमुख बैंकों के साथ अनुबंध किया है। इस योजना के अंतर्गत जिन बैंकों को शामिल किया गया है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), इंडियन बैंक और जिला सहकारी बैंक शामिल हैं। यह योजना पूरी तरह से बैंकों द्वारा वित्त पोषित है। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को यह सेवा निशुल्क प्रदान की जा रही है। इसके अंतर्गत कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा, प्री-एप्रूव्ड लोन सुविधाएं, शून्य बैलेंस खाता, और अन्य विशेष बैंकिंग लाभ मिलेंगे। सरकार का उद्देश्य राज्य कर्मचारियों को सुव्यवस्थित वित्तीय सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है। यह योजना सभी विभागों में कार्यरत स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों पर लागू होगी।
प्रमुख सचिव वित्त आर.के. सुधांशु ने गुरुवार को सचिवालय में बैठक कर राज्य सरकार के कार्मिकों को कॉरपोरेट सेविंग बैंक सैलरी योजना से जोड़ने की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में सामने आया कि अब तक केवल लगभग 60 प्रतिशत कर्मचारी ही योजना से जुड़ सके हैं, जबकि राज्य में 1.56 लाख से अधिक सरकारी कार्मिक कार्यरत हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव ने संबंधित अधिकारियों को समस्त कार्मिकों को योजना से शीघ्र जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी को निर्देशित किया कि योजना से जुड़ी जानकारी आई.एफ.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से सभी कर्मचारियों को भेजी जाए। योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए बैंक प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त बैठक कर एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार करने को कहा गया है। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि विभाग और बैंक दोनों की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। ये अधिकारी योजना से संबंधित जानकारी और समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करेंगे। योजना की पुनः समीक्षा जल्द की जाएगी। इस योजना को भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से लागू किया जा रहा है।