प्रदेश में उपनल भर्ती के नियम-कानून एक लेकिन मानदेय अलग-अलग..
उत्तराखंड: प्रदेश में आउटसोर्सिंग एजेंसी उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे कर्मचारियों की सेवा शर्तें और वेतन-मानदेय विभागों ने अपनी मनमर्जी से कर लिए। कहीं कर्मचारियों को कम वेतन मिल रहा है तो कहीं अधिक, कहीं महंगाई भत्ता मिल रहा है तो कहीं नियमों का हवाला देकर रोका जा रहा है। उपनल के माध्यम से कार्योजित होने वाले कर्मचारियों के लिए जारी शासनादेश के तहत वेतन मानदेय निर्धारित है। विभाग जब उपनल के माध्यम से कर्मचारियों को रखते हैं तो उन्हें ये नियम बताए भी जाते हैं लेकिन धरातल पर हालात दूसरे हैं। यहां 10 विभागों में कर्मचारी निर्धारित से ज्यादा मानदेय पा रहे हैं।
तीन विभागों में कर्मचारियों को उपनल के निर्धारित से भी कम वेतन मिल रहा है। उपनल कर्मचारी लगातार महंगाई भत्ते की मांग करते हैं। पिछले दिनों ऊर्जा निगमों के उपनल कार्मिकों के लिए इस संबंध में आदेश भी हुआ था लेकिन शासन ने उस पर रोक लगा दी। जबकि आईटीडीए में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।
ये विभाग दे रहे हैं निर्धारित से ज्यादा मानदेय
सभी एनएचएम, जिला उद्यान विभाग देहरादून, महिला सशक्तिकरण निदेशालय, महिला कल्याण निदेशालय देहरादून, कोषागार देहरादून, वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विवि, उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, आईटीडीए और निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास।
इन विभागों में निर्धारित से भी कम मानदेय..
यूपी परियोजना निदेशक, उत्तराखंड, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी उत्तरकाशी।
इन विभागों में दिए गए पदों से इतर पर तैनात किए कर्मचारी..
राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम लि., उत्तराखंड जल विद्युत निगम, स्टेट बायोटेक देहरादून और उत्तराखंड तकनीकी विवि के अलावा आईटीडीए में उपनल से तैनात कर्मियों को महंगाई भत्ता भी मिलता है।निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ने वैयक्तिक अधिकारी, सहायक अधिकारी, कनिष्ठ सहायक व वाहन चालकों के 88 पदों पर उपनल कार्मिकों को विभागीय संविदा पर ले लिया है। इसी प्रकार, उत्तराखंड स्टेट सीड एंड प्रोडक्शन सर्टिफिकेशन एजेंसी ने उपनल कार्मिकों को विभागीय संविदा में नियोजित कर दिया है।