फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बंद, हालात की समीक्षा के बाद लिया जाएगा अगला निर्णय..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हालात बिगड़ गए हैं। वन विभाग ने सुरक्षा के दृष्टिगत बुधवार को घाटी में पर्यटकों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद रखा। यह निर्णय मंगलवार को हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लिया गया, जिसमें वन विभाग की टीम ने गाइडों की सहायता से करीब 150 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला था। फूलों की घाटी जो हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, इन दिनों लगातार हो रही बारिश से प्रभावित हो रही है। मंगलवार को मौसम अचानक खराब होने के बाद घाटी में मौजूद पर्यटक रास्ता बंद हो जाने के कारण फंस गए थे। वन विभाग की टीम स्थानीय गाइडों के साथ मिलकर इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में सफल रही।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम की स्थिति सामान्य होने तक घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक जारी रह सकती है। विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सभी पर्यटकों से अपील की गई है कि वे फिलहाल घाटी की यात्रा न करें और किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर फूलों की घाटी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है, लेकिन बारिश के मौसम में यहां भूस्खलन और रास्ते बंद होने जैसी घटनाएं आम हो जाती हैं। इस वजह से प्रशासन और वन विभाग विशेष सतर्कता बरतते हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों में जुटे हैं। पर्यटन विभाग और वन विभाग ने मिलकर एक बार फिर सावधानी बरतने और पूर्व चेतावनी के बाद ही यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी है।
नंदा देवी नेशनल पार्क के उप निदेशक तरुण एस ने जानकारी दी कि बुधवार को पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रखी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उप निदेशक ने कहा कि 1, 2 दिन में घाटी को फिर से पर्यटकों के लिए खोला जाए या नहीं, इसका निर्णय मौसम, मार्ग की स्थिति और सुरक्षा के अन्य पहलुओं की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। वन विभाग, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम मिलकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं। बता दे कि मंगलवार को करीब 150 पर्यटकों को रेस्क्यू कर घाटी से सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इसके बाद से विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है और किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। फूलों की घाटी यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है और हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में यहां भूस्खलन और ट्रैकिंग मार्ग बाधित होने की घटनाएं आम हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं।