ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, ऋषिकेश के सामुदायिक केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में कारपोरेट कार्यालय के सभी कर्मचारी योगाभ्यास करने के लिए उत्साह और जोश के साथ एकत्र हुए। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत क्षेत्र का अग्रणी और लाभ अर्जित करने वाला अनुसूची-ए, मिनी रत्न पीएसयू है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. के. विश्नोई ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी कर्मचारियों को गर्मजोशी से शुभकामनाएं दी। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कायम रखने में योग के महत्व को स्वीकार करते हुए श्री विश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि योगाभ्यास का व्यक्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे एकता और वैश्विक सद्भाव की भावना को भी बढ़ावा मिलता है।
श्री विश्नोई ने जोर देकर कहा कि इस वर्ष के योग उत्सव का विषय ष्वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योगष् है, जो कि आधुनिक विश्व के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। इसमें एकता, समझ और आपसी सम्मान की आवश्यकता सर्वोपरि है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योग के अभ्यास से व्यक्ति करुणा, समावेशिता और सभी प्राणियों की भलाई के प्रति साझा जिम्मेदारी की भावना के गुणों का पोषण करते हुए अपना आंकलन कर सकते हैं। श्री विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपने कर्मचारियों और व्यापक समुदाय के कल्याण और जीवन शक्ति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी का योग दिवस समारोह, ष्वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योगष् थीम के अनुरूप है जो कि समग्र कल्याण और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कंपनी के समर्पण का एक प्रमाण है।
जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की और वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग विषय के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सामंजस्यपूर्ण विश्व बनाने में एकता और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और योग के माध्यम से ऐसे मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के प्रयास की सराहना की। शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने टीएचडीसीआईएल परिवार को संबोधित करते हुए आधुनिक इंटरकनेक्टेड विश्व में समावेशिता और दयालुता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को वसुधैव कुटुम्बकम के सार को आत्मसात करने और इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करने, एकता और आपसी सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। इस समय, टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता प्राप्त कर देश का अग्रणी विद्युत उत्पादक है, जिसे उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना और केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की सफलतापूर्वक कमीशनिंग का श्रेय प्राप्त है।