उत्तराखंड की चीनी मिलों को आवंटित हुए गन्ना क्रय केंद्र, किसानों के भुगतान पर सख्त निर्देश..
उत्तराखंड: प्रदेश की सभी चीनी मिलों को गन्ना पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना क्रय केंद्र आवंटित कर दिए गए हैं। कुल 494 केंद्रों का आवंटन किया गया है। इस दौरान गन्ना आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों के गन्ने का भुगतान समय पर किया जाए, ताकि पेराई सत्र सुचारू रूप से संचालित हो सके।आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग त्रिलोक सिंह मर्तोलिया की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ऊधमसिंह नगर जिले की सहकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की चार चीनी मिलों को 126 गन्ना क्रय केंद्र आवंटित किए गए हैं।
वहीं, हरिद्वार जिले में निजी क्षेत्र की दो चीनी मिलों को 311 केंद्रों का आवंटन हुआ है।देहरादून जिले की सार्वजनिक क्षेत्र की डोईवाला चीनी मिल को 57 गन्ना क्रय केंद्र दिए गए हैं। हालांकि, हरिद्वार की इकबालपुर चीनी मिल को इस सूची से बाहर रखा गया है। गन्ना आयुक्त के अनुसार इकबालपुर चीनी मिल ने पिछले पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसानों का भुगतान पूरा नहीं किया है। जब तक बकाया राशि का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक इकबालपुर मिल को किसी भी गन्ना क्रय केंद्र के आवंटन पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी मिल प्रबंधन को चेतावनी दी है कि किसानों का गन्ना मूल्य समय सीमा के भीतर चुकाया जाए, अन्यथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने भी साफ किया है कि किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गन्ना आयुक्त त्रिलोक सिंह मर्तोलिया के अनुसार गन्ना क्रय केंद्रों में तोल लिपिकों की नियमानुसार तैनाती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को भी क्रय केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। गन्ना क्रय केेंद्रों में घटतौली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तौल में अनियमितता पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरिद्वार और देहरादून में 571 लाख क्विंटल गन्ने के उत्पादन का अनुमान है। जबकि ऊधमसिंह नगर में 494 लाख क्विंटल गन्ने के उत्पादन का अनुमान है। चीनी मिलों को समय से पेराई कार्य शुरू करने और आवंटित सभी गन्ना क्रय केंद्रों को संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। चीनी मिलों में किसानों के लिए आवश्यक मूलभूत व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
