शिक्षा व्यवस्था पर सख्ती, बिना अनुमति तैनाती क्षेत्र छोड़ने वाले शिक्षकों की बनेगी सूची..
उत्तराखंड: टिहरी गढ़वाल जनपद में तैनात शिक्षकों की मनमानी को लेकर जिला प्रशासन ने अब जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने का संकेत दिया है। बिना अनुमति अपने तैनाती क्षेत्र और मुख्यालय से बाहर रहने वाले शिक्षकों पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से तैनाती क्षेत्र में निवास करने के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन को बीते लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कई शिक्षक देहरादून, ऋषिकेश और अन्य शहरों में निवास कर रहे हैं और वहां से स्कूल आते-जाते हैं। इसका सीधा असर विद्यालयों की कार्यप्रणाली पर पड़ रहा है। शिकायतों में सामने आया कि कई शिक्षक स्कूल देर से पहुंचते हैं और समय से पहले लौट जाते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही है।
इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी शिक्षकों की पहचान कर सूची तैयार की जाए, जो बिना अनुमति मुख्यालय छोड़कर बाहर निवास कर रहे हैं। डीएम ने साफ कहा कि बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ना अनुशासनहीनता मानी जाएगी और इसके लिए संबंधित शिक्षकों के खिलाफ नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जनपद के सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति, समयपालन और पठन-पाठन व्यवस्था की नियमित निगरानी की जाए। इसके लिए आकस्मिक निरीक्षण, उपस्थिति रजिस्टर की जांच और शिकायतों के त्वरित निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर वेतन रोकने से लेकर विभागीय कार्रवाई तक के विकल्प अपनाए जाएंगे।
प्रशासन के इस फैसले को दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। स्थानीय अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि लंबे समय से शिक्षकों की अनुपस्थिति और अनियमितता से छात्र प्रभावित हो रहे थे। अब सख्ती से विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन सुनिश्चित होने की उम्मीद है। डीएम नितिका खंडेलवाल ने दो टूक कहा है कि बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ प्रशासन पूरी कठोरता से कार्रवाई करेगा।
