देहरादून में होगा विधानसभा का विशेष सत्र, विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार की..

देहरादून में होगा विधानसभा का विशेष सत्र, विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार की..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। आगामी 9 नवंबर को राज्य अपनी रजत जयंती मनाएगा। इस अवसर को विशेष बनाने के लिए राज्य सरकार 3 और 4 नवंबर को विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने जा रही है। विशेष सत्र के लिए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की ओर से अधिसूचना पर संस्तुति दी जा चुकी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार इस विशेष सत्र में राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियों और विकास योजनाओं का खाका पेश करने की तैयारी में है। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार विपक्ष कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और करोड़ों रुपये के विज्ञापन खर्च जैसे मुद्दों को लेकर सदन में सरकार से जवाब मांगेगा।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य स्थापना दिवस से ठीक पहले बुलाया गया यह विशेष सत्र आगामी चुनावी माहौल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अहम साबित हो सकता है।

आगामी 3 और 4 नवंबर को होने वाले विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र से पहले विपक्ष ने धामी सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल है, जबकि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए करोड़ों रुपये के विज्ञापन चला रही है। यशपाल आर्य ने कहा कि शहीदों ने जिस सपने के साथ उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया था, वह अब तक अधूरा है। सरकार के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं बचा। प्रदेश में सिर्फ लूट और भ्रष्टाचार मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार विपक्ष विशेष सत्र में कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, विज्ञापन खर्च और जनहित के मुद्दों पर सरकार को सदन में घेरने की पूरी तैयारी कर रहा है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए 1000 करोड़ रुपये तक विज्ञापनों में खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ईमानदार है, तो उसे इन सवालों का जवाब सदन में देना चाहिए। यशपाल आर्य ने कहा कि यह दो दिन का विशेष सत्र सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। विपक्ष अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सदन में जनता की आवाज़ बुलंद करेगा और सरकार की असलियत उजागर करेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की प्राथमिकता कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, विज्ञापन खर्च और जनहित के मुद्दे रहेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में हुआ सत्र भी काफी हंगामेदार रहा था। उस दौरान विपक्ष ने सदन में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा था, पर्चे उड़ाए गए और विपक्षी विधायक रातभर सदन में डटे रहे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राज्य स्थापना दिवस से पहले बुलाया गया यह विशेष सत्र, सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अपनी-अपनी राजनीति चमकाने का बड़ा मंच साबित हो सकता है।