श्रीनगर । राजकीय इंटर काॅलेज मंजाकोट में गौरैया दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर राइंका मंजाकोट के विज्ञान प्रवक्ता डा. अशोक बडोनी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य गौरैया पक्षी की संकटग्रस्त प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना है। गौरैया एक सर्वव्यापी पक्षी है जो दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर पाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लगातार इसकी संख्या में कमी आ रही है।
गौरैया आमतौर पर घर आंगन में दिख जाया करती थी। गौरैया एक ऐसी पक्षी है जो मनुष्य के आस-पास ही रहना पसंद करती है, लेकिन बहुत तेजी से इस पक्षी की संख्या कम होती जा रही है जो बहुत ही चिंताजनक है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, आधुनिकीकरण और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से गौरैया प्रजाति लगातार विलुप्त होने के कगार पर जा रही है। ऐसे में विश्व गौरैया दिवस इस पक्षी के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य यही है कि गौरैया संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके और आम जन-मानस को संरक्षण उपायों के प्रति जागरूक किया जा सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने घरेलू गौरैया पक्षी को राज्यपक्षी घोषित किया है। यह दिवस हर साल ‘आई लव स्पैरो’ थीम के साथ मनाया जाता है। गौरैया पक्षी की प्रजातियां कम होने के पीछे का प्रमुख कारण लगातार बढता मानवीय हस्तक्षेप है। गौरैया हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि गौरैया कीट आबादी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। तथा खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। गौरैया की लगातार घटती संख्या का प्रमुख कारण उनके प्राकृतिक आवास हानि, प्रदूषण और हानिकारक कीटनाशकों का कृषि में प्रयोग मोबाइल टावरों से निकलने वाला रडियेशन आदि कई कारणों से हुआ है। बच्चों के पाठ्यक्रम में गौरैया संरक्षण से सम्बंधित पाठ्य सामग्री सम्मिलित की जानी अत्यंत आवश्यक है। जिससे हमारी आगे आने वाली पीढ़ी भी सजग हो सके।