शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव, अस्वस्थ शिक्षकों को किया जाएगा अनिवार्य सेवानिवृत्ति..
उत्तराखंड: प्रदेश में गंभीर बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने तीन दिन के भीतर इस तरह के शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की है। महानिदेशक ने विभाग के तीनों निदेशकों को जारी आदेश में कहा कि शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त न करने से जहां एक ओर संबंधित विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही, वहीं ऐसे शिक्षकों और कर्मियों की ओर से अपने तबादले और संबद्धता के लिए विभाग पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।
महानिदेशक का कहना हैं कि शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में शासन और विभाग समय-समय पर आदेश जारी करता रहा है, लेकिन विभाग की ओर से अब तक इस तरह के शिक्षकों को चिह्नित नहीं किया गया। 24 जुलाई, 2019 के आदेश में भी कर्मियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने भी विभागीय समीक्षा बैठक में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई है। मंत्री ने ऐसे शिक्षकों का चयन कर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक ने कहा कि हर जिले से तीन दिन के भीतर इस तरह के शिक्षकों की रिपोर्ट दी जाए। यदि किसी जिले में अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों की संख्या शून्य हो तो इस आशय का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें। इस प्रकरण में देरी और किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। विभाग ने सभी जिलों से गंभीर बीमार शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मिलने के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जाएगी।