ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में नगर निगम की बैठक में हंगामा..

ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में नगर निगम की बैठक में हंगामा..

अवैध कब्जों और पार्क देखरेख को लेकर पार्षदों ने जताया विरोध..

 

 

उत्तराखंड: ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के सभागार में बुधवार को नगर निगम की दूसरी बैठक आयोजित की गई, जो विवादों की भेंट चढ़ गई। बैठक के दौरान शहर में जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने नगर आयुक्त नंदन कुमार से स्पष्ट तौर पर मांग की कि अवैध रूप से किए गए सभी कब्जे तुरंत हटाए जाएं। बैठक में उस समय माहौल और गर्म हो गया जब पार्कों की देखरेख का जिम्मा एक-एक संस्था को सौंपे जाने का प्रस्ताव सामने आया। इस पर कुछ पार्षदों ने तीखा विरोध जताया। उनका कहना था कि पार्कों की जिम्मेदारी नगर निगम की है और इसे किसी संस्था को सौंपना उचित नहीं है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि ऐसी संस्थाएं बाद में पार्क में निर्माण कर कब्जा कर लेती हैं। विरोध कर रहे पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि निगम ने जनहित के मामलों में पारदर्शिता नहीं बरती तो आंदोलन किया जाएगा। वहीं नगर आयुक्त ने सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया और कहा कि जनता के हितों के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

बैठक में कई पार्षदों ने फ्लैटों पर हाउस टैक्स लागू करने की पुरजोर मांग की। उनका कहना था कि बहुमंजिला इमारतों में रह रहे लोग सुविधा तो ले रहे हैं, लेकिन टैक्स नहीं चुका रहे, जिससे नगर निगम को राजस्व हानि हो रही है। इसके साथ ही मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों के सत्यापन और वहां हुए अवैध कब्जों को हटाने की भी मांग उठाई गई। पार्षदों ने कहा कि शहर की सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए अवैध निर्माणों और कब्जों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।बैठक में एक और अहम निर्णय लिया गया, जिसमें नगर निगम की जमीन पर प्रस्तावित डिस्पेंसरी के निर्माण को निरस्त कर दिया गया। पार्षदों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि उक्त भूमि का इस्तेमाल अन्य जनहित कार्यों के लिए किया जाना चाहिए। नगर आयुक्त नंदन कुमार ने पार्षदों की आपत्तियों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सभी मांगों और सुझावों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।