यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन के बाद राहत, मलबा हटाकर मार्ग किया गया सुचारु..
उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम मार्ग पर हुए भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान आज भी जारी है। एसडीआरएफ की टीम सुबह से ही तीसरे दिन अभियान में जुटी है और स्निफर डॉग्स की मदद से लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। बीते दिनों भारी बारिश के कारण यमुनोत्री पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर चट्टानें और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई थीं, जिससे कुछ श्रद्धालु और स्थानीय लोग लापता हो गए थे। इनकी तलाश के लिए एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। रेस्क्यू टीमों को दुर्गम भूभाग, मलबे की मोटी परत और मौसम की अनिश्चितता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी खोज अभियान तेजी से और सतर्कता के साथ संचालित किया जा रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक रूप से जोखिम न लें। राहत कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य टीमें भी मौके पर मौजूद हैं।
यमुनोत्री धाम में भैरो मंदिर और नौ कैंची के पास हुए भूस्खलन स्थल पर जमा मलबा और पत्थरों को हटाकर पैदल मार्ग को श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए फिर से सुचारु कर दिया गया है। प्रशासन और राहत टीमों की लगातार कोशिशों के चलते जानकीचट्टी से श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे यमुनोत्री धाम की ओर भेजा जा रहा है, ताकि तीर्थयात्रा नियंत्रित और सुरक्षित ढंग से संचालित की जा सके। इसके साथ ही यमुनोत्री से जानकीचट्टी की ओर लौटने वाले यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया गया है, जिससे आवागमन में किसी प्रकार की रुकावट न हो और भीड़भाड़ से बचा जा सके। हालांकि प्रशासन ने अब भी तीर्थयात्रियों से सावधानी बरतने और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर यात्रा करने की अपील की है। एसडीआरएफ, पुलिस, और लोक निर्माण विभाग की टीमें मार्ग की लगातार निगरानी और आवश्यक व्यवस्थाओं में जुटी हैं।
उत्तरकाशी जनपद में यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर स्थित नौकैंची क्षेत्र में हाल ही में हुए भारी भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र यात्रा को एक दिन के लिए रोक दिया था। हादसे के बाद श्रद्धालुओं को विभिन्न पड़ावों पर अस्थायी रूप से रोका गया, जबकि पैदल और वैकल्पिक मार्गों पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कार्य तेजी से शुरू किया गया। भूस्खलन के कारण नौकैंची के समीप भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर जमा हो गए थे, जिससे न सिर्फ रास्ता अवरुद्ध हुआ बल्कि मार्ग पर लगी सुरक्षा रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू और मरम्मत कार्य शुरू कराया। प्रशासन एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की त्वरित कार्रवाई के बाद मार्ग से मलबा हटाया गया और श्रद्धालुओं के लिए आवाजाही फिर से शुरू कर दी गई है। साथ ही, यमुनोत्री से जानकीचट्टी लौटने वालों के लिए वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया गया है।
भंडेलीगाड से यमुनोत्री धाम के लिए जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर भी बारिश से कीचड़ की स्थिति बनी हुई है। डीएम प्रशांत आर्य ने मौके पर पहुंच कर दोनों रास्तों का निरीक्षण किया। इसके बाद सुरक्षा को देखते हुए अधिकारियों को यमुनोत्री के लिए यात्रियों को रवाना कर दिया गया है। उन्होंने जिला पंचायत सहित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को यमुनोत्री धाम जाने वाले दोनों पैदल मार्गों पर सफाई व्यवस्था करने, मलबा और बोल्डर हटाने के निर्देश दिए। साथ ही बिजली व पानी की व्यवस्था ठीक करने को कहा।