एसजेवीएन में कर्मचारियों एवं अधिकारियों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलवाई

देहरादून । गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों की अनुपालन में एसजेवीएन द्वारा कर्मचारियों के मध्य हिन्दी को लोकप्रिय बनाने एवं हिंदी में और अधिक कामकाज करने हेतु स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की दृष्टि से 14 से 28 सितंबर तक हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक) द्वारा हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलवाई गई।
सरकार द्वारा जारी कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों की अनुपालना में राजभाषा प्रतिज्ञा केन्द्रीय पीए सिस्टम के माध्यम से दिलवाई गई। पखवाड़े के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित निगम कर्मियों को संबोधित करते हुए निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर ने कहा कि हम सबको अपनी प्रतिबद्धतताओं और प्रयासों से राजभाषा के संवर्धन के प्रति सदैव ऊर्जावान रहना है। इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक, रोमेश कपूर, कार्यकारी निदेशक, डी.पी.कौशल, कार्यकारी निदेशक, वी. शंकरनारायनण, कार्यकारी निदेशक, सुरेश ठाकुर, कार्यकारी निदेशक, एस मारास्वामी  एवं अन्यद वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। पखवाड़े के शुभारंभ अवसर पर कार्यकारी निदेशक डी. पी. कौशल ने कहा कि अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द  लाल शर्मा हिन्दीं को बढ़ावा देने के लिए किसी भी अवसर पर अपना संबोधन सदैव हिंदी में देते हैं। उनके इस मार्गदर्शन का हमें अपने व्यवसायिक जीवन में अवश्य ही अनुपालन करना चाहिए और प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ हिंदी को अपने दैनिक जीवन का भी अभिन्न अंग बनाना चाहिए। इसके अवसर पर कार्यकारी निदेशक, रोमेश कपूर द्वारा गृह एवं सहकारिता मंत्री, अमित शाह का हिन्दी दिवस के अवसर पर दिया गया संदेश पढ़ा गया।
 हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत एसजेवीएन के निगम मुख्या्लय सहित सभी परियोजनाओं एवं कार्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे निबंध लेखन, चित्र आधारित कहानी लेखन, आलेखन-टिप्पण, श्रुतलेखन, शुद्ध शब्द लेखन, हिन्दी व्याकरण एवं राजभाषा संबंधी शोधपत्र प्रस्तुति इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार द्वारा जारी कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आज आलेखन-टिप्पण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राजभाषा प्रभारी, पवन वर्मा, महाप्रबंधक (मा.सं./राजभाषा) ने प्रतिभागियों को प्रतियोगिता संबंधी नियमों से अवगत कराया तथा उन्हें  बढ़चढ़कर इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। विजेता प्रतिभागियों को हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा।