शिक्षकों के तबादलों के लिए तीन हजार से अधिक आवेदन, विभाग ने 25 सितंबर तक मांगे थे आवेदन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों को लेकर शिक्षा विभाग में हलचल तेज हो गई है। विभाग को अब तक धारा-27 के तहत तबादलों के लिए तीन हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें बेसिक शिक्षा विभाग से लगभग 1500 और माध्यमिक शिक्षा विभाग से करीब 1800 शिक्षक शामिल हैं। इस साल शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों के अनिवार्य तबादले नहीं किए गए, जिससे कई शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षकों का कहना है कि अन्य विभागों में अनिवार्य तबादले लागू किए गए, लेकिन शिक्षा विभाग को इससे अलग रखा गया। इससे कई शिक्षकों को वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत रहने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने इस बार धारा-27 के अंतर्गत तबादलों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें अब तक बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सभी आवेदनों की जांच और सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तबादले की सूची जारी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग का उद्देश्य इस प्रक्रिया के जरिए उन शिक्षकों को प्राथमिकता देना है, जो स्वास्थ्य, पारिवारिक या भौगोलिक कारणों से स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। विभाग का कहना है कि इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि किसी प्रकार की शिकायत या असंतोष की स्थिति न बने। वहीं शिक्षकों ने उम्मीद जताई है कि विभाग जल्द ही तबादलों की सूची जारी करेगा ताकि नए सत्र से पहले वे अपने नए कार्यस्थलों पर कार्यभार ग्रहण कर सकें।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार बेसिक शिक्षा में करीब 1500 शिक्षकों, जबकि माध्यमिक शिक्षा में 800 प्रवक्ताओं और लगभग 1000 सहायक अध्यापक (एलटी शिक्षक) ने तबादले की मांग की है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी आवेदनों की जांच की जा रही है और तबादलों के लिए जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। विभाग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या शिकायत की गुंजाइश न रहे। बता दे कि धारा 27 के तहत शिक्षकों के तबादलों की सिफारिश मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करती है। समिति की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही तबादले लागू किए जाते हैं। इस साल शिक्षा विभाग ने अनिवार्य तबादले नहीं किए थे, जिससे शिक्षकों में नाराजगी थी।
शिक्षकों का कहना है कि अन्य विभागों में जहां अनिवार्य तबादले हुए, वहीं शिक्षा विभाग को इससे बाहर रखा गया। अब धारा 27 के तहत आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने से शिक्षकों में उम्मीद जगी है कि उन्हें अपने गृह जिले या मनचाहे स्थान पर तबादला मिल सकेगा। प्रदेश में लागू किए गए तबादला एक्ट में विभिन्न श्रेणियों में कार्मिकों के तबादलों की व्यवस्था है लेकिन विशेष परिस्थिति या गंभीर रूप से बीमार होने वाले ऐसे कार्मिक जो एक्ट के अनुसार सामान्य श्रेणी के किसी तबादले के दावेदार नहीं होते उनके लिए एक्ट की धारा 27 के तहत तबादलों के लिए आवेदन की व्यवस्था है। संगठन की सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि शिक्षकों के जल्द तबादले किए जाएंगे, लेकिन स्थिति जस की तस है। जिन मांगों पर सहमति बनी, उन पर अमल न हुआ तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।