उत्तराखंड में अंतरिक्ष तकनीक के नए युग की शुरुआत, सीएम धामी ने लॉन्च किया मॉडल जनपद डैशबोर्ड..
ISRO की पुस्तक का भी किया विमोचन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने शासकीय आवास पर आयोजित अंतरिक्ष सम्मेलन-2025 में भाग लिया। यह सम्मेलन “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए, हिमालयी राज्यों के संदर्भ में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहा। सम्मेलन का मुख्य फोकस रहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग हिमालयी राज्यों में कैसे अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकता है, ताकि विकास और आपदा प्रबंधन में उसका योगदान बढ़ सके। भूस्खलन, बाढ़, कृषि, जल संसाधन और पर्यावरणीय निगरानी जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक की संभावनाओं पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन भी उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि ISRO हिमालयी क्षेत्र के लिए विशेष उपग्रह आधारित समाधान विकसित कर रहा है, ताकि आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली, वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन की निगरानी को और सशक्त किया जा सके। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास, शासन और आपदा प्रबंधन के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकती है। हम ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में तकनीक के हर आयाम को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ISRO के साथ मिलकर कई साझा परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनमें डिजिटल मैपिंग, भूमि उपयोग योजना और आपदा पूर्वानुमान प्रणाली प्रमुख हैं।
इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड ने यह संकेत दिया है कि वह तकनीक-आधारित सुशासन और सतत विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ISRO जैसी शीर्ष तकनीकी संस्था के साथ सहयोग से राज्य को नई वैज्ञानिक क्षमताएं हासिल होंगी जो हिमालयी राज्यों के लिए मॉडल साबित हो सकती हैं। इस अवसर पर सीएम धामी ने ISRO और UCOST (उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) द्वारा विकसित मॉडल जनपद डैशबोर्ड का शुभारंभ किया और ISRO द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख पुस्तक का भी विमोचन किया। यह डैशबोर्ड अंतरिक्ष तकनीक आधारित डेटा विश्लेषण और विकास संकेतकों की निगरानी के लिए विकसित किया गया है।
इसके माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों की वास्तविक समय की निगरानी, योजनाओं का मूल्यांकन और आधारित नीति निर्माण संभव होगा। सीएम धामी ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब सिर्फ अनुसंधान तक सीमित नहीं रही। यह आज संचार, मौसम पूर्वानुमान, कृषि, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है ताकि तकनीक का जन कल्याण में सीधा उपयोग हो सके।
सीएम ने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखंड में साइंस सिटी, साइंस एंड इनोवेशन सेंटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और अन्य अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं की स्थापना का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। यह पहल राज्य को नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन उत्तराखंड को स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के सपने को साकार करने में यह एक मील का पत्थर साबित होगा।