मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में गड़बड़ी पर सख्त हुए प्रमुख सचिव, सभी जिलों में जांच के आदेश..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार की बहुचर्चित मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। जिन बेरोजगार युवाओं, प्रवासी नागरिकों और सीमांत किसानों को इस योजना से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार का लाभ मिलना था, वहां कई स्थानों पर सरकारी अधिकारियों और उनके परिजनों ने खुद के नाम से सोलर प्लांट लगवाकर योजना का लाभ हड़प लिया। इस गड़बड़ी की जानकारी मिलते ही प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का उद्देश्य था कि कोविड-19 के दौरान लौटे प्रवासी नागरिकों, राज्य के बेरोजगार युवाओं, लघु एवं सीमांत कृषकों को 20 KW से 200 KW तक के सोलर प्रोजेक्ट्स देकर स्थायी रोजगार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही उद्योग विभाग के माध्यम से सरकारी सब्सिडी व वित्तीय सहायता भी दी जाती है। यह मामला सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने की व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े करता है।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि योजना के क्रियान्वयन में कई स्तरों पर सरकारी अधिकारियों द्वारा खुद या अपने परिजनों के नाम पर सोलर प्लांट लगवाने की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे हितों के टकराव (conflict of interest) की स्थिति पैदा हो रही है। पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत पर परियोजना आवंटन का सही पालन नहीं हो रहा है। कई मामलों में निर्धारित प्रक्रिया और पारदर्शिता का उल्लंघन हुआ है। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि अब तक आवंटित सभी परियोजनाओं की जांच की जाए। योजना का उद्देश्य था जनहित और स्वरोजगार, लेकिन कुछ जगहों पर लाभार्थी चयन में गड़बड़ी की शिकायतें हैं। योजना की पारदर्शिता, निष्पक्षता और वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करना ज़रूरी है।
नियम विरुद्ध आवंटन पर सब्सिडी का लाभ बंद होगा..
प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने स्पष्ट किया है कि जिन जिलों में इस प्रकार के प्रकरण पकड़ में आएंगे, उनकी राज्य से मिलने वाली सब्सिडी बंद की जाएगी। इस संबंध में महानिदेशक उद्योग को भी पत्र भेज दिया गया है। सीएम सौर स्वरोजगार योजना के तहत प्रोजेक्ट आवंटन की प्रक्रिया काफी मजबूत बनाई गई है। आवेदनों की स्क्रूटनी के लिए जिला स्तर पर तकनीकी समिति का गठन किया गया है। इस समिति की ओर से तकनीकी रूप से उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना आवंटन करने के लिए जिलास्तर पर जिलाधिकारी या उनकी ओर से नामित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति फैसला लेती है।