महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही ये योजना, 75% तक सब्सिडी के साथ बढ़ा दूध उत्पादन..

महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही ये योजना, 75% तक सब्सिडी के साथ बढ़ा दूध उत्पादन..

 

 

उत्तराखंड: सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। पशुपालन से जुड़ी एक विशेष योजना गंगा गाय डेयरी योजना के तहत महिलाएं दूध उत्पादन बढ़ाने और पलायन रोकने में अहम भूमिका निभा रही हैं। 75% तक सब्सिडी मिलने से महिलाएं पशुपालन में आगे बढ़ रहीं। अब तक हजारों महिलाएं इस योजना का लाभ उठा चुकी हैं। पलायन रोकने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में यह योजना कारगर साबित हो रही है।सरकार की इस पहल से गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान दे रही हैं।

उत्तराखंड सरकार की ‘गंगा गाय महिला डेयरी योजना’ के तहत महिलाएं पशुपालन के जरिए आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। दुधारू पशु खरीदने पर सरकार 75% तक सब्सिडी दे रही है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और दूध उत्पादन बढ़ाना है। डेयरी विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल का कहना हैं कि इस योजना से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। सरकार की इस पहल से गांवों में पलायन रोकने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद मिल रही है। इस योजना के तहत महिलाएं 2 से 5 दुधारू पशु खरीद सकती हैं, जिससे आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिल रहा है। डेयरी विभाग दो पशुओं को खरीदने के लिए 1,60,000 रुपए, 3 पशुओं के लिए 2,46,500 रुपए, और 5 पशुओं की खरीद पर 4,84,000 रुपए बैंक से उपलब्ध करा रही हैं। इसके तहत SC/ST महिलाओं को 75% तक सब्सिडी और सामान्य वर्ग की महिलाओं को 50% सब्सिडी दी जा रही हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 450 लाभार्थी उठा चुके लाभ..

‘गंगा गाय महिला डेयरी योजना’ से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 450 लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। योजना के तहत लाभार्थी को दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का सदस्य होना जरूरी है। अगर सदस्यता नहीं हैं तो उन्हें सदस्य बनाकर अनुदान दिया जाता है। योजना के तहत लाभार्थी गाय और भैंस दोनों खरीद सकता है। योजना के तहत पशुपालक को दुधारू पशुओं की खरीद राज्य के बाहर से किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 450 लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। योजना के तहत पशुपालक पशु खरीद के साथ पशु शेड और चारा की भी खरीद कर सकते हैं।

कैसे करें आवेदन?

पशुपालक को राज्य का नागरिक और उम्र 18 वर्ष से ऊपर होना अनिवार्य है। आधार-पैन कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, फोन नंबर, बैंक खाता विवरण, समिति की सदस्य संख्या, चल/अचल संपत्ति/भूमि प्रमाण-पत्र होना भी जरूरी है। आवेदक स्थानीय दुग्ध सहकारी समिति या डेयरी विकास विभाग के नजदीकी कार्यालय या फिर जिला सहकारी बैंक से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, तमाम प्रक्रियाओं के बाद ऋण स्वीकृत होने पर धनराशि लाभार्थी के खाते में डाल दी जाती है। इसके बाद दुग्ध सहकारी समिति पशुओं का चयन कर खरीद करती है। फिर पशुओं की सेहत की जांच करके पशुपालक के घर तक छोड़ती है। योजना के तहत एससी-एसटी और महिला लाभार्थी को 25 फीसदी, जबकि सामान्य वर्ग को 50 फीसदी लोन बैंक देगा।

बता दे कि 100 फीसदी में 75 फीसदी सब्सिडी विभाग देगा तो 25 फीसदी बैंक लोन देगा। यानी इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी जेब से एक रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं है। वहीं इस योजना के तहत पशुओं के दूध को डेयरी समिति को देना अनिवार्य होगा। ताकि, लोन किस्त के तहत धीरे-धीरे चुकता होता रहेगा। बाकी आपकी कमाई रहेगी।