‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ मुहिम तेज़, गंभीर रूप से बीमार पुलिसकर्मियों की रेंज स्तर पर होगी मॉनिटरिंग..

‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ मुहिम तेज़, गंभीर रूप से बीमार पुलिसकर्मियों की रेंज स्तर पर होगी मॉनिटरिंग..

 

 

उत्तराखंड: अब ‘फिट उत्तराखंड’ में ‘पुलिस’ भी शामिल हो गई है। ‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ अभियान के तहत कुमाऊं मंडल के सभी छह जनपदों में मोटापे, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से ग्रसित पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की पहचान की जाएगी। इस अभियान के तहत प्रत्येक शुक्रवार को पुलिस लाइन में विशेष परेड आयोजित की जाएगी। इस परेड में चिह्नित कर्मियों की भागीदारी अनिवार्य होगी। स्वास्थ्य सुधार के लिए नियमित व्यायाम, आहार जागरूकता और चिकित्सकीय निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। अभियान की निगरानी के लिए कुमाऊं रेंज के आईजी ने पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक (RI) को ‘पुलिस स्वास्थ्य कल्याण अधिकारी’ का अतिरिक्त दायित्व सौंपा है। फिट उत्तराखंड पुलिस’ अभियान का उद्देश्य पुलिस बल को शारीरिक रूप से सशक्त, सक्रिय और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है, ताकि वे बेहतर कार्यक्षमता के साथ समाज सेवा कर सकें।

कुमाऊं मंडल में पुलिसकर्मियों की फिटनेस को लेकर ‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ अभियान की शुरुआत हो गई है। इस अभियान के तहत मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह (शुगर) जैसी बीमारियों से ग्रसित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान की जाएगी और उनकी स्वास्थ्य सुधार यात्रा को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा। कुमाऊं रेंज की आईजी रिधिम अग्रवाल ने इस संबंध में सभी जनपदों के एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिले में बीमार और शारीरिक रूप से अयोग्य कर्मियों की सूची तैयार कर पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक (RI) को भेजें। आईजी रिधिम अग्रवाल ने कहा कि पुलिसकर्मियों की बेहतर फिटनेस न केवल उनकी कार्यक्षमता बढ़ाएगी बल्कि उन्हें दीर्घकालिक बीमारियों से बचाने में भी सहायक होगी। इस अनूठी पहल का उद्देश्य पुलिस बल को शारीरिक रूप से सक्षम, मानसिक रूप से सजग और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है ताकि वे समाज की सेवा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभा सकें।

कुमाऊं में चल रहे ‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ अभियान के तहत अब गंभीर रोगों से ग्रसित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष राहत व सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में कुमाऊं आईजी रिधिम अग्रवाल ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। आईजी ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी कैंसर, हृदय रोग, किडनी या लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित है, तो उनकी पूरी चिकित्सकीय जानकारी विभाग में दर्ज की जाएगी। ऐसे कार्मिकों को प्राथमिकता के आधार पर अवकाश देने की व्यवस्था की जाएगी। सीओ पुलिस लाइन की जिम्मेदारी होगी कि वे ऐसे बीमार कार्मिकों और उनके परिवारजनों से नियमित रूप से संवाद करें और आवश्यकतानुसार हरसंभव मदद सुनिश्चित करें। इसके साथ ही स्वस्थ पुलिसकर्मियों को भी भविष्य में बीमारियों से बचाने के लिए योग, शारीरिक अभ्यास, संतुलित आहार और जीवनशैली में सुधार के उपायों की जानकारी दी जाएगी। सभी जिलों के एसएसपी/एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जनपदों से ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर आईजी कार्यालय को भेजें।

जीवनरक्षक निधि बचाएगी पुलिस कर्मियों की जान..

कुमाऊं रेंज में चल रहे ‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ अभियान के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से पीड़ित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार ने मानवीय और ठोस पहल की है। यदि किसी पुलिसकर्मी को आकस्मिक रूप से इलाज की जरूरत पड़ती है, तो उसे जनपद, परिक्षेत्र और मुख्यालय स्तर से संचालित ‘जीवन रक्षक निधि’ से आवश्यक धनराशि दी जाएगी। इसके साथ ही बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए ऐसे कर्मियों को उच्च स्तरीय अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। यदि कोई पुलिसकर्मी पहले से किसी अस्पताल में भर्ती है, तो उस अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी से सीधे जनपद प्रभारी अधिकारी संवाद करेंगे, ताकि इलाज में कोई देरी या बाधा न आए। कुमाऊं आईजी रिधिम अग्रवाल की पहल पर इस पूरे अभियान को गंभीरता से लागू किया जा रहा है।

इसमें पुलिसकर्मियों की न केवल शारीरिक फिटनेस, बल्कि उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सहयोग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। इस योजना का लक्ष्य है कि कोई भी बीमार पुलिसकर्मी उपचार से वंचित न रहे, और संकट की घड़ी में उसे तत्काल और प्रभावी सहायता मिले। यह न केवल पुलिस विभाग की कार्यशैली में संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व को दर्शाता है, बल्कि राज्य सरकार की ‘फिट फोर्स, स्ट्रॉन्ग सिस्टम’ नीति को भी बल देता है। बीमार पुलिसकर्मियाें के इलाज तथा स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग रेंज स्तर पर होगी। यूएसनगर, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के एसएसपी जिले में गंभीर बीमारी से पीड़ित की सूची उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री के स्वस्थ उत्तराखण्ड, सशक्त भारत विजन के तहत यह काम हो रहा है। फिट उत्तराखंड से आगे ‘फिट उत्तराखंड पुलिस’ मुहिम है।