उत्तराखंड में बनेगा वर्ल्ड क्लास फायर सर्विस ट्रेनिंग सेंटर, पांच नए फायर स्टेशन भी खुलेंगे..
उत्तराखंड: गर्मियों के साथ ही उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू हो जाता है। जंगलों में फैलती आग और शहरी क्षेत्रों में घरों-दुकानों में लगने वाली आग, दोनों ही प्रदेश के लिए बड़ी चुनौतियां बनती जा रही हैं। इन्हीं खतरों से निपटने और अग्निशमन व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अहम कदम उठाया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में विश्वस्तरीय फायर सर्विस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी, ताकि फायरमैन को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग मिल सके और आपदा के समय वे बेहतर तरीके से कार्य कर सकें। इसके साथ ही सहस्त्रधारा सहित प्रदेश के पांच स्थानों पर नए फायर स्टेशन खोले जाएंगे। ये फायर स्टेशन उन क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं, जहां अब तक अग्निशमन सेवाओं की पहुंच सीमित थी। यह कदम न केवल प्रदेश की फायर सेफ्टी व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि आपदा प्रबंधन में उत्तराखंड को एक मॉडल राज्य बनाने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
देहरादून स्थित पुलिस लाइन में अग्निशमन सेवा सप्ताह के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अग्निशमन विभाग के साहसी कर्मियों को सम्मानित किया और राज्य की फायर सेफ्टी व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में कई घोषणाएं कीं। इस मौके पर सीएम ने तृतीय ऑल इंडिया फायर सर्विस गेम्स में पदक जीतने वाले 7 अग्निशमन कर्मियों और गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डीजीएफएस डिस्क मेडल पाने वाले 2 कर्मियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही सीएम धामी ने उत्तराखंड फायर सर्विस में शामिल हुए 20 नए फायर टेंडर व अग्निशमन वाहनों को जन-जागरूकता के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन प्रदेश भर में आग से सुरक्षा और जागरूकता का संदेश फैलाएंगे। इस आयोजन के माध्यम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि उत्तराखंड फायर सर्विस को विश्वस्तरीय बनाने और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में राज्य गंभीरता से काम कर रहा है।
सीएम धामी ने तमाम घोषणाएं भी की। सीएम धामी ने कहा कि भीमताल, द्वाराहाट, गौचर, पुरोला और सहस्त्रधारा में जल्द ही फायर स्टेशन खोला जाएगा। फायर सर्विस का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाने और प्रयागराज महाकुंभ में ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभाने वाले उत्तराखंड फायर सर्विस के सभी कर्मचारियों को 10-10 हजार रुपए बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा के जवानों ने उत्तराखंड राज्य गठन से अभी तक 53 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को आग से बचाया है। इसके साथ ही 27 हजार से ज्यादा इंसानों और करीब 7 हजार पशुओं का जीवन भी बचाया है। वर्तमान समय में महिलाएं भी उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा में फायर फाइटर के रूप में अपना योगदान दे रही हैं।
सीएम धामी का कहना हैं कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा के लिए 71 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है, जिसके चलते प्रदेश में 18 फायर स्टेशनों का निर्माण और फायर इमरजेंसी से निपटने के लिए विश्वस्तरीय उपकरणों को खरीदने के प्रयास चल रहे हैं। अग्निशमन कर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता के फायर सूट भी खरीदे हैं। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में फायर स्टेशन भवन का निर्माण करने के साथ ही 78 से ज्यादा आवासों का निर्माण भी किया जा रहा है। हरिद्वार जिले के बहादराबाद फायर स्टेशन को भी स्वीकृत किया है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार, शासन स्तर पर फायर स्टेशनों की मैपिंग की जा रही है, जिसके बाद दूरस्थ क्षेत्रों में फायर स्टेशन खोले जा सकेंगे। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अग्निशमन एवं आपात सेवा की भूमिका और काफी अहम हो जाती है। पिछले साल केदारनाथ, टनकपुर, खटीमा, आराकोट और रैणी में आई आपदाओं में फायर सर्विस के कर्मचारियों ने लगन और समर्पण के साथ अपना कार्य किया था। उन्होंने कहा कि पिछले साल वनाग्नि के दौरान वन संपदा, वन्य जीवों और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा था, ऐसी आपदा दोबारा न हो, इसके लिए वन विभाग के साथ ही अग्निशमन विभाग को भी कार्य करना होगा।