उत्तराखंड के इन 2 जिलों के किसान अब धन-धान्य योजना से पाएंगे नई खुशहाली..
उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत देशभर में 100 जिलों को कृषि के दृष्टिकोण से आकांक्षी जिले घोषित किया है। उत्तराखंड के चमोली और अल्मोड़ा भी इन जिलों में शामिल हैं। इन जिलों को कृषि में कम उत्पादकता, कम क्रय शक्ति और अन्य चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए चुना गया है। योजना के तहत कृषि एवं कृषक कल्याण समेत 11 विभागों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन जिलों को संतृप्त किया जाएगा, ताकि वे देश के अन्य जिलों के साथ कृषि उत्पादन और विकास में बराबरी कर सकें। केंद्र ने कृषि आकांक्षी जिलों के लिए नोडल अधिकारी भी नामित किए हैं, जो इन जिलों में योजनाओं के समन्वय, निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे और कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हो। विशेषज्ञों का कहना है कि चमोली और अल्मोड़ा जैसे पहाड़ी जिलों में यह पहल कृषि की उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। राज्य और केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि यह योजना स्थायी कृषि विकास और ग्रामीण समृद्धि के मॉडल के रूप में काम करे।
उत्तराखंड के चमोली और अल्मोड़ा जिलों को केंद्र सरकार ने कृषि के दृष्टिकोण से देशभर के 100 आकांक्षी जिलों में शामिल किया है। यह कदम दोनों जिलों में कृषि विकास को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। विशेष रूप से विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले चमोली और अल्मोड़ा जिलों में कृषि के सामने कई चुनौतियां हैं। अल्मोड़ा जिला पलायन की मार से अत्यधिक प्रभावित है, जबकि चमोली के गांव मौसम की मार झेलते हैं। इन परिस्थितियों का सीधा असर खेती-किसानी पर पड़ा है। दोनों जिलों में खेती में कम उत्पादकता, आजीविका के सीमित संसाधन, क्रय शक्ति में कमी, सिंचाई व्यवस्था का अभाव, कौशल विकास और उद्यमिता के प्रभावी उपायों की कमी जैसी समस्याएं हैं, जिसके कारण यह जिले अन्य जिलों की तुलना में पीछे हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए चमोली और अल्मोड़ा को आकांक्षी जिलों में शामिल किया। इन जिलों को कृषि एवं कृषक कल्याण समेत 11 विभागों की योजनाओं के तहत विशेष सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो योजनाओं के समन्वय और प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से न केवल इन जिलों में कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और ग्रामीण विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। यह कदम पहाड़ी जिलों की कृषि स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
केंद्र सरकार ने इन जिलों के लिए नोडल अधिकारी भी नामित किए हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव राधिका झा को अल्मोड़ा का और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव आशीष जोशी को चमोली का नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये अधिकारी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और विभागीय समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की निगरानी नीति आयोग द्वारा की जाएगी। इस पहल से दोनों जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास को गति मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से पहाड़ी जिलों की कृषि कमजोरियों को दूर करने में मदद मिलेगी और यह कदम स्थानीय किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा और अवसरों का स्रोत बनेगा। कृषि एवं कृषक कल्याण, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा, मत्स्य, पशुपालन व डेरी, सहकारिता, जल संसाधन, खाद्य एवं फल प्रसंस्करण, ग्राम्य विकास, राजस्व, कौशल विकास एवं उद्यमिता, एमएसएमई की योजनाओं से दोनों जिलों के गांवों को संतृप्त किया जाएगा। इससे पहले वहां का गहन सर्वेक्षण भी होगा। इसके तहत कृषि-बागवानी क्षेत्रफल, उत्पादन, फसल उत्पादकता, फसल पकने के बाद विपणन, सिंचाई सुविधा, मृदा स्वास्थ्य, फसल बीमा, आजीविका के अन्य साधन जैसे बिंदुओं पर सर्वे होगा।