शाम के पीक आवर्स में नहीं खरीदनी होगी महंगी बिजली, उत्तराखंड में लगेगा बैटरी स्टोरेज सिस्टम..

शाम के पीक आवर्स में नहीं खरीदनी होगी महंगी बिजली, उत्तराखंड में लगेगा बैटरी स्टोरेज सिस्टम..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। शाम के पीक आवर्स में जब बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है, तब यूपीसीएल को अब बाजार से महंगे दामों पर बिजली खरीदने से मुक्ति मिल जाएगी। राज्य में ही बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों तथा गैर जीवाश्म-ईंधन आधारित सह उत्पादक स्टेशनों से विद्युत की आपूर्ति हेतु शुल्क एवं अन्य निबंधन (द्वितीय संशोधन) विनियम 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस ड्राफ्ट पर जनता और स्टेकहोल्डर्स से 3 अक्टूबर तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य में बैटरी स्टोरेज सिस्टम शुरू होने से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। सौर और पवन ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को बैटरियों में स्टोर कर लिया जाएगा, जिसे जरूरत पड़ने पर पीक आवर्स में इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल उत्तराखंड को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

नियामक आयोग ने अपने पुराने विनियम 2023 में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बदलाव इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) और उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) राज्य में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) लागू करने जा रहे हैं। नए प्रावधानों के तहत यह तय किया गया है कि इन बैटरी स्टोरेज सिस्टम्स की निविदा निकालने की जिम्मेदारी यूपीसीएल की होगी। चाहे यूजेवीएनएल हो या कोई अन्य सरकारी संस्था, अंतिम निर्णय यूपीसीएल का ही होगा कि बैटरी स्टोरेज सिस्टम व्यावहारिक और उपयोगी है या नहीं। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लागू होने के बाद शाम के पीक आवर्स में महंगी दरों पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं रहेगी। राज्य में ही बिजली स्टोर की जाएगी और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम उत्तराखंड को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अधिकतम उपयोग की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

नए प्रावधानों के तहत स्टोरेज सिस्टम लगाने वाली संस्थाओं को अब आठ प्रतिशत के बजाय टैरिफ पर मात्र पाँच पैसे प्रति यूनिट का भुगतान किया जाएगा। इससे सीधे-सीधे जनता को सस्ती बिजली का फायदा मिलेगा। योजना के तहत यूपीसीएल दिन में बाजार से सस्ती दरों पर बिजली खरीदेगा और उसे बैटरी में स्टोर करेगा। इसके बाद शाम के पीक आवर्स में यही बिजली करीब पाँच रुपये प्रति यूनिट पर उपलब्ध कराई जाएगी। जबकि वर्तमान में पीक आवर्स में बाजार से खरीदी जाने वाली बिजली की कीमत 12 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाती है। ऊर्जा विभाग के अनुसार इस कदम से न सिर्फ उपभोक्ताओं का आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि राज्य की बिजली आपूर्ति प्रणाली भी और अधिक स्थिर व आत्मनिर्भर बनेगी।