डॉ. सुधांसू कालरा ने स्वस्थ फेफड़ों के प्रति जागरूक किया

देहरादून। डॉ. सुधांसू कालरा ने कहा कि फेफड़े को सबसे नाजुक और अनेक तरह के रोगों के प्रति संवेदनशील अंगों में से एक माना जाता है। विश्व अस्थमा दिवस (डब्ल्यूएडी) को हमें फेफड़े के स्वास्थ्य, फेफड़े के रोगों के बढ़ते बोझ, और इन रोगों के लिए आवश्यक उपचार की जरूरतों को पूरा करने के बारे में याद दिलाता है। अस्थमा एक दीर्घकालिक प्रदाहजनक रोग है जिसके कारण सॉस लेने में कठिनाई होती है और यह गंभीर मामलों में जानलेवा हो सकता है. ऐसा अनुमान है कि दुनिया भर में 339 मिलियन लोग अस्थमा से ग्रस्त हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया भर में अस्थमा के कारण होने वाली 42 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं और भारत में एक तिहाई से कम अस्थमा ग्रस्त लोगों ने अस्थमा के उपचार के लिए इनहेलर्स का उपयोग करने की बात कही है।
डॉ. सुधांसू कालरा के अनुसार, अस्थमा का प्रबंधन करने में आदर्श रूप में इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टिरॉयड्स के साथ नियमित उपचार करना शामिल है. लेकिन, वर्तमान में भारत में अधिकांश अस्थमा के भार के कारण रुग्णता बढ़ी है और सही इनहेलर तकनीक के अभाव, शॉर्ट ऐक्टिंग ब्रॉकोडायलेटर्स के अत्यधिक उपयोग (सामान्य रूप से राहत देने वाले इनहेलर के आवश्यक उपयोग के रूप में जाना जाता है) और नियमित दैनिक उपचार के लिए इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टिरॉयड्स के कम उपयोग के कारण मौतें होती हैं।
अस्थमा के लिए वैश्विक दिशानिर्देशों का लक्ष्य है आवश्यकता पड़ने पर राहत दिलाने वाली दवाओं के रूप में उपयोग को घटाते हुए अस्थमा का भार कम करना और यह अस्थमा के दैनिक उपचार के लिए नियमित रूप से कंट्रोलर थेरेपी का उपयोग करने की सलाह देता है. साथ ही, अस्थमा के आरंभिक संकेतों और लक्षणों को पहचानना और तुरंत मेडिकल उपचार लेना महत्वपूर्ण है. उपयुक्त दवा, नियमित जाँच और जीवनशैली संबंधी सुधारों के जरिए अस्थमा का प्रभावी रूप से प्रबंधन किया जा सकता है। विश्व अस्थमा दिन 2023 की थीम है अस्थमा का उपचार सभी के लिएष्, जिसमें प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण आश्वस्त करने वाली दवाओं की उपलब्धता और उन तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ केयर लीडर्स को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाएगा. ष्अस्थमा का उपचार सभी के लिएष् संदेश सभी संसाधनों वाले देशों में प्रभावी अस्थमा प्रबंधन के कार्यक्रमों के विकास और क्रियान्वयन को बढ़ावा देता है. डॉ. सुध्धालु कालरा ने आगे कहा कि विश्व अस्थमा दिन 2023 पर आइए हम अस्थमा के लक्षणों, निदान और उपचार विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ. आइए मरीजों को उनके अस्थमा को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के महत्व के बारे में शिक्षित करें और व्यापक रूप से अस्थमा कार्य योजना निर्मित करने के लिए उनके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करें। हर किसी से अस्थमा को गंभीरता से लेने और यदि उन्हें कोई लक्षण महसूस होता है तो मेडिकल उपचार लेने के लिए आग्रह किया है. खुद को और हमारे आस पास के लोगों को अस्थमा, उसके उत्प्रेरकों, और उसे प्रभावी तौर पर प्रबंधित करने के तरीके के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। आइए इस विश्व अस्थमा दिन का उपयोग हम दुनिया भर में अस्थमा से ग्रस्त लोगों में जागरूकता बढाने, अस्थमा पर शिक्षा को बढ़ावा और आधार देने के लिए करें।