जिला अस्पताल गोपेश्वर ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र किया अपने नाम..

जिला अस्पताल गोपेश्वर ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र किया अपने नाम..

 

 

उत्तराखंड: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा देने वाले जिला चिकित्सालय गोपेश्वर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन (National Quality Assurance Standards) मानक प्रमाण-पत्र से नवाजा हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने NQAS के मापदंडों में 91 प्रतिशत अंक और लक्ष्य नेशनल सर्टिफिकेट हेतु 91.8 प्रतिशत अंक जिला चिकित्सालय गोपेश्वर को दिए हैं।

क्या है NQAS व लक्ष्य अवार्ड..

भारत सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड के तहत तय मानकों को पूरा करने वाले चिकित्सालय को NQAS सर्टिफिकेशन के साथ वित्तीय सहायता प्रदान करता है। NQAS सर्टिफिकेशन राष्ट्रीय स्तर पर होता है। अस्पतालों के सर्टिफिकेशन के लिए 450 से ज्यादा संकेतकों का फीडबैक लिया जाता है। NQAS में बायो मेडिकल वेस्ट की लिस्ट, एक्सरे का एवीआरवी, फायर एनओसी, मरीज का फीडबैक, स्टाफ, साफ-सफाई, ऑपरेशन थिएटर में सुविधा और दवाओं की व्यवस्था समेत अन्य कई छोटे-छोटे बिंदुओं को देखा जाता है।

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग धनिक ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के कड़े फैसलों और उनके कुशल नेतृत्व के चलते जनपद में स्वास्थ्य का लगातार सुधारीकरण और विस्तारीकरण हो रहा है। जिसके चलते जनपद के अस्पतालों की सूरत बदलती नजर आ रही है। इसका ताजा उदाहरण सीमांत जनपद चमोली का जिला अस्पताल है। उन्होंने कहा कि चमोली जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस (NQAS) के मानकों पर खड़ा उतरा है, इसके लिए जिला अस्पताल को (NQAS) एवं लक्ष्य नेशनल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है।

विभिन्न मानकों पर होता है परीक्षण- राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने से पहले विशेषज्ञों की टीम अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण करती है। इनमें लेबर रूम, मैटरनिटी ओटी, जनरल ओटी, फार्मेसी, रेडियोलॉजी, मेटरनिटी वार्ड और जनरल एडमिन की गुणवत्ता का आश्वासन मानक के तहत मूल्यांकन किया गया। जिसमें चिकित्सालय की सेवा व्यवस्था, मरीजों के अधिकार व दायित्व, इनपुट सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिक सर्विस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं।

इन कड़े मानकों पर खरे उतरने वाले अस्पतालों को ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं। जिसमें जिला चिकित्सालय गोपेश्वर प्रत्येक अनुभाग में अव्वल पाया गया। NQAS मानकों को पूरा करने का श्रेय जिला क्वालिटी एश्योरेंस टीम में जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग धनिक और उनकी टीम में शामिल हॉस्पिटल मैनेजर रणजीत सिंह रावत, जिला क्वालिटी सलाहकार खेम सिंह रावत, डॉ. यशोदा, डॉ. पवन पाल व संबंधित अनुभाग प्रभारी, अनुराधा, दीपा शाह, लक्ष्मी, आर.सी. नेगी समेत सभी कर्मियों और जिला आईईसी मैनेजर उदय सिंह रावत को जाता है।