धराली आपदा- मलबे में दबे लोगों की खोज में एनडीआरएफ ने शुरू किया ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल..

धराली आपदा- मलबे में दबे लोगों की खोज में एनडीआरएफ ने शुरू किया ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल..

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के करीब 14 दिन बाद राहत एवं बचाव कार्य के दौरान एक और शव बरामद हुआ है। सोमवार को हर्षिल से लगभग तीन किलोमीटर आगे नदी किनारे सेना के एक जवान का शव मिला। यह शव झाला के पास नदी में मिला है। अब तक इस आपदा में दो शव बरामद किए जा चुके हैं। पांच अगस्त को आई भीषण आपदा में भारी मलबा और पानी के साथ आए बोल्डर कई होटलों और लोगों को आठ से दस फीट नीचे तक दबा ले गए थे। एनडीआरएफ की टीम ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का इस्तेमाल कर मलबे में दबे लोगों का पता लगा रही है। इस तकनीक से मिले संकेतों के आधार पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें धराली में खुदाई का कार्य कर रही हैं। प्रशासन की निगरानी में रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से जारी है।

उत्तरकाशी जिले के धराली में आई आपदा के बाद मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है। एनडीआरएफ की टीम अत्याधुनिक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का उपयोग कर राहत और बचाव कार्य को अंजाम दे रही है। इस तकनीक से लैस इलेक्ट्रिकल डिटेक्टर वेब की मदद से मलबे के भीतर करीब 40 मीटर तक दबे किसी भी तत्व की पहचान की जा सकती है। इससे यह जानने में सहायता मिल रही है कि मलबे के किस हिस्से में मानव गतिविधियों के संकेत हैं या वहां कोई संरचना दबी हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें इसी तकनीकी सहायता से धराली में मलबा हटाने और दबे हुए लोगों की खोज का कार्य लगातार कर रही हैं। प्रशासन की निगरानी में रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज किया गया है।

जीपीआर से मिले संकेतों पर खुदाई की जा रही..
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला ने बताया कि इसकी मदद से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे यह जानकारी मिली है कि धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्र में करीब आठ से 10 फीट नीचे होटल और लोग दबे हुए हैं। कुछ स्थानों पर जीपीआर से मिले संकेतों पर खुदाई की जा रही है। कुछ दिन पहले दो खच्चरों और एक गाय के शव भी मिले थे। आपदा प्रभावित क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया है जिसमें से दो सेक्टरों में एनडीआरएफ और शेष दो में एसडीआरएफ की टीमें खोजबीन और राहत कार्य में जुटी हुई हैं। तकनीकी सहयोग और गहन निरीक्षण के साथ टीमें मलबे में दबे लोगों तक पहुंचने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही हैं।