चुनौती के मोर्चों पर सीएम धामी की परीक्षा..
उत्तराखंड: पिछले कुछ दिन उत्तराखंड सरकार और सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए चुनौतीपूर्ण रहे। राष्ट्रपति, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष के उत्तराखंड दौरे, उस पर मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव। सरकार का मुखिया होने के नाते धामी को हर मोर्चा संभालना ही था, लेकिन इसी दौरान देहरादून में दिन-दहाड़े एक ज्वेलरी शोरूम में 20 करोड़ की डकैती और उत्तरकाशी के सिलक्यारा में आल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत बन रही सुरंग में भूस्खलन के कारण 41 श्रमिकों के फंस जाने की घटना ने मानों उनके कौशल की परीक्षा ही ले डाली।
आलम यह हैं कि सुबह धामी अन्य राज्यों में चुनावी सभाओं के लिए निकलते और रात में देहरादून लौट अफसरों से अपडेट लेने का सिलसिला चलता। यह सब ठीक, लेकिन डकैती का पर्दाफाश और सिलक्यारा सुरंग में श्रमिकों की सुरक्षा के मामले अभी अंजाम तक नहीं पहुंचे यानी चुनौती आने वाले दिनों में भी बरकरार।
विधानसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे टिकट..
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उत्तराखंड भाजपा की भी नजरें टिकी है। ये नतीजे ही तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव में राज्य की पांच सीटों पर पार्टी किसे मैदान में उतारती है। वर्तमान में पांच में से दो सीटों का प्रतिनिधित्व दो पूर्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं। तीसरी सीट के सांसद केंद्र में मंत्री हैं, तो चौथी सीट से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री। एक सीट की सांसद महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
अगर विधानसभा चुनाव के परिणाम पार्टी की उम्मीदों के अनुसार रहे तो टिकट बंटवारे में ज्यादा चौंकाने वाली बात शायद ही हो, लेकिन दूसरी स्थिति में बड़ा रद्दोबदल तय है। वैसे, चर्चा है कि पांच में से कम से कम दो सीटों पर बदलाव का मन पहले ही बन चुका है और इसके संकेत भी दिए जा चुके हैं। प्रदेश संगठन के साथ ही मुख्यमंत्री की राय दावेदारी निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगी।