जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में डे सफारी अगले आदेश तक बंद, करोड़ों का नुकसान..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश अब आम जनजीवन ही नहीं, बल्कि पर्यटन गतिविधियों पर भी गंभीर असर डाल रही है। इसी कड़ी में प्रशासन ने बड़ी सावधानी बरतते हुए विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में डे सफारी को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। बारिश के कारण पार्क के भीतर कई स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, नदियाँ उफान पर हैं और जगह-जगह पानी भर गया है। इससे सफारी संचालन जोखिमभरा हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता और मार्ग सुरक्षित नहीं बनाए जाते, तब तक सफारी शुरू नहीं की जाएगी। बारिश ने कॉर्बेट रिज़र्व को आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, केवल हाल ही की बरसात से ही पार्क को लगभग सवा करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। वहीं, सीजन शुरू होने से अब तक पार्क को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। सफारी बंद होने से न केवल पर्यटकों की योजना प्रभावित हुई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला ने बताया इस समय पार्क के गर्जिया पर्यटन जोन, ढेला पर्यटन जोन और झिरना पर्यटन जोन में डे सफारी का संचालन किया जा रहा था। जहां पर्यटक सुबह और शाम की पाली में जंगल सफारी का आनंद ले रहे थे. लगातार हो रही बारिश और प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोपरी मानते हुए सफारी को फिलहाल रोक दिया गया है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला ने बताया आज बुधवार को भी जिला प्रशासन ने भारी बारिश के चलते अलर्ट जारी किया है. इसी कारण सुबह की पाली में सफारी का संचालन नहीं किया गया. उन्होंने साफ कहा कि मौजूदा मौसम की स्थिति बेहद अनिश्चित हैं. ऐसे में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना सही नहीं होगा। पार्क प्रशासन अब मौसम में सुधार होने और हालात सामान्य होने के बाद ही सफारी संचालन बहाल करने पर विचार करेगा।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला ने जानकारी दी कि पार्क के गर्जिया, ढेला और झिरना पर्यटन जोन में डे सफारी का संचालन किया जा रहा था, जहाँ पर्यटक सुबह और शाम की पाली में जंगल सफारी का आनंद ले रहे थे। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश और जिला प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए सफारी रोकना अनिवार्य हो गया। बुधवार को भी भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए सुबह की पाली की सफारी रद्द करनी पड़ी। डायरेक्टर बडोला ने स्पष्ट कहा कि मौजूदा मौसम की स्थिति बेहद अनिश्चित है और ऐसे हालात में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना उचित नहीं होगा। बारिश से पार्क के कई हिस्सों में मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं और नदियाँ उफान पर हैं। इससे सफारी संचालन पर्यटकों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने फैसला लिया है कि मौसम में सुधार और हालात सामान्य होने के बाद ही सफारी संचालन बहाल करने पर विचार किया जाएगा। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन बारिश के कारण सफारी बंद होने से पर्यटन गतिविधियों के साथ-साथ स्थानीय कारोबारियों और होटल व्यवसायियों पर भी असर पड़ रहा है।
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में हर साल हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सफारी के दौरान पर्यटक बाघ, हाथी, गुलदार समेत कई दुर्लभ वन्यजीवों को देखने का रोमांचक अनुभव प्राप्त करते हैं, मगर बारिश के मौसम में जंगल की पगडंडियां फिसलन भरी हो जाती हैं। नदी-नाले अचानक उफान पर आ जाते हैं। ऐसे में पर्यटकों के साथ-साथ सफारी वाहनों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है। पार्क प्रशासन का मानना है कि सुरक्षा से बड़ा कोई विकल्प नहीं हो सकता। इसी वजह से सफारी को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला ने कहा मौसम की निगरानी लगातार की जा रही है। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, सफारी को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। बारिश से सफारी बंद होने का सीधा असर पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों पर भी पड़ता है। गाइड, जीप संचालक, होटल व रिसॉर्ट व्यवसायी इस दौरान आय से वंचित हो जाते हैं। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि जान-माल की सुरक्षा से बड़ा कोई पहलू नहीं है। इसलिए प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया जा रहा है।
बारिश के कारण कार्बेट टाइगर रिज़र्व को अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक केवल हाल ही की बरसात में ही लगभग सवा करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार तक हुई बारिश से नुकसान का यह आंकड़ा और कई गुना बढ़ सकता है। साकेत बडोला ने कहा बारिश ने रिज़र्व के बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंचाई है। कई वन चौकियां पानी और कटाव की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। जिसके चलते स्टाफ को इन चौकियों से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा है।