साहसिक पर्यटन को नई उड़ान,आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन के लिए उमड़ी प्रतिभागियों की भीड़..

साहसिक पर्यटन को नई उड़ान,आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन के लिए उमड़ी प्रतिभागियों की भीड़..

 

 

उत्तराखंड: साहसिक पर्यटन को नई दिशा देने जा रही आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन को लेकर उत्तराखंड में लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। यह आयोजन न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के साहसिक खेल प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। जानकारी के अनुसार पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित की जा रही यह अल्ट्रा मैराथन दो नवंबर से शुरू होने जा रही है। कार्यक्रम के प्रति लोगों का जोश इतना अधिक है कि पर्यटन विभाग को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी है। बता दे कि इस आयोजन के लिए अब तक करीब 1500 प्रतिभागियों ने आवेदन किया है, जबकि व्यास वैली में उपलब्ध व्यवस्थाओं के लिहाज से प्रतिभागियों की संख्या सीमित रखी गई है। ऐसे में अत्यधिक संख्या में आवेदन आने के कारण फिलहाल नए पंजीकरण पर रोक लगाई गई है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस आयोजन का उद्देश्य साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना, सीमांत क्षेत्रों की सुंदरता को दुनिया के सामने लाना और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। अल्ट्रा मैराथन के माध्यम से प्रतिभागियों को आदि कैलाश और व्यास घाटी की भव्यता को करीब से देखने का अवसर मिलेगा। आयोजन की तैयारियों को लेकर विभाग और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है, ताकि प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

पर्यटन विभाग अब प्रतिभागियों की संख्या का आकलन कर रहा है, ताकि व्यास वैली क्षेत्र में उपलब्ध ठहरने और भोजन की सीमित सुविधाओं के अनुरूप ही प्रतिभागियों को अनुमति दी जा सके। अधिकारियों के अनुसार इस अल्ट्रा मैराथन का मार्ग आदि कैलाश से शुरू होकर कालापानी होते हुए गूंजी तक जाएगा। यह ट्रैक समुद्र तल से 10,000 से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो प्रतिभागियों के लिए एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण अनुभव साबित होगा।प्रतिभागियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विभाग ने भारतीय सेना और ITBP (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) के साथ समन्वय स्थापित किया है। विभाग ने बताया कि क्षेत्र में ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। विभाग का उद्देश्य है कि इस आयोजन के माध्यम से न केवल साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, बल्कि व्यास घाटी और सीमांत क्षेत्रों की खूबसूरती को भी देश-दुनिया के सामने लाया जा सके। साथ ही यह आयोजन स्थानीय युवाओं को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी प्रदान करेगा।

पर्यटन सचिव स्वयं व्यास वैली पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने जा रहे हैं, ताकि आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पर्यटन विभाग ने कहा कि आयोजन के दौरान सेना, आईटीबीपी और जिला प्रशासन के सहयोग से चिकित्सकीय टीम और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही, आपात स्थिति के लिए हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था करने को लेकर राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है। यह अल्ट्रा मैराथन देश के 20 राज्यों से आने वाले प्रतिभागियों के लिए रोमांच और चुनौती का संगम बनेगी। वहीं स्थानीय लोगों में भी इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। क्षेत्र के लोग इसे अपनी संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर मान रहे हैं। प्रतिभागियों को उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कारीगरों और महिला स्वयंसहायता समूहों को भी आर्थिक लाभ मिल सके। अधिकारियों का कहना है कि यह आयोजन न केवल उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि आदि कैलाश और व्यास वैली क्षेत्र को देश-विदेश में एक नई पर्यटन पहचान दिलाने का भी कार्य करेगा।