देहरादून। पर्वाधिराज दशलक्षण धर्म महापर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म के दिन नित्य की तरह सभी जिन मंदिरों में पूजा अर्चना बड़े ही आनंद और भक्ति भाव से की गई। यह कार्यक्रम 108 मुनि श्री विबुद्ग सागर जी एवम 105 क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। सभी कार्यक्रम जैन धर्मशाला गांधी रोड पर किये जा रहे हैं।
उत्तम संयम धर्म पर प्रवचन देते हुए मुनिराज श्री कहते हैं कि उत्तम संयम धर्म उपयोग को पर पदार्थों से समेटकर आत्म सम्मुख करना, आत्मा में एकाग्र होना ही उत्तम संयम कहलाता है। प्रत्येक प्राणी को संयम में रहना चाहिए। यह बात कहने में जितनी सरल है अपनाने में उतनी ही कठिन भी है। विवेकपूर्वक कार्य करते हुए हिंसा आदि न होने देना भी संयम कहलाता है। पर पदार्थ यानि मिथ्यात्व भाव, कषाय भाव, रागादि भाव, हिंसा भाव आदि का त्याग करना एवं पाँचों इन्द्रियों के विषयों को जीतना उत्तम संयम धर्म है।अपने आप को संयमित रखना पांचों इंद्रियों को वश करना संयम है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी मधु सचिन जैन ने बताया कि आज जैन मिलन मूक माटी द्वारा जिसमें महिलाओं ने 151 दियो के साथ भव्य आरती, जैन ध्वज के रंगों के साथ अरिहंतों को नमन, एक अनोखे रूप में महावीर का वंदन व बालिकाओं द्वारा महावीर तेरी संतानों पर एक सुंदर प्रस्तुति दी गई। सभी महिलाओं ने थाल सजाए जिसमें विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां दर्शाई गई। जैसे महावीर समोशरण, 10 लक्षण जयमाला, 16 स्वप्न, महिला जैन मिलन मूक माटी की सभी महिलाएं एक ही परिवेश में आए। वह सभी ने थाल सजाओ प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम में मूक माटी की सदस्य संगीता जैन सरिता, पूनम, शिल्पी, नमन, मीनू, रिचा, हिमानी, वैशाली, सुरभि, अमिता, चांदुल, दीपा, प्रीति आदि सभी मूकमाटी की महिलाओं ने भरपूर सहयोग दिया।
इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने बताया कि गुरुवार 16 सितंबर प्रातः 8 बजे सभी जैन मंदिरों में सामूहिक रूप से धूप खेवन कार्यक्रम, सामूहिक महाआरती (श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर झंडा बाजार में महिला वीरांगना क्लब द्वारा) की जाएगी। इस अवसर पर भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश चंद जैन व डॉक्टर संजीव जैन, वीरांगना मंमलेश जैन व जैन समाज के अध्यक्ष विनोद जैन, संदीप जैन, हर्ष जैन वह उत्सव समिति के संयोजक आशीष जैन अर्जुन जैन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।