देहरादून। भाजपा ने अवैध धार्मिक अतिक्रमणों के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा मजारों की तुलना पौराणिक मंदिरों से करने को सनातनी संस्कृति का अपमान बताया है। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं उनके नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देवभूमि मंदिरों की ही भूमि है लिहाजा मृतक शरीरों के नाम पर बने अवैध मजारों को बचाने के लिए मंदिरों से की जा रही तुलना को प्रदेशवासी बर्दाश्त नही करने वाले हैं ।
श्री जोशी ने बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में देवभूमि की सनातनी संस्कृति एवं कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने हुए अवैध धार्मिक अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण अभियान के विरोध में कांग्रेस और विपक्ष की बयानबाजियां बेहद आपत्तिजनक हैं। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा, एक वर्ग विशेष की तुष्टिकरण ले लिए वे मजारों की तुलना मंदिरों से कर रहे हैं। जिसके तहत उनका यह तर्क अपमानजनक है कि प्रतिष्ठित एवं पौराणिक मंदिरों की तरह अवैध तरीके सरकारी भूमि पर बनाई मजारों को भी नियमितीकरण किया जाए या सभी स्थलों को एक मानते हुए ध्वस्तीकरण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्तराखंड की भूमि देवों की भूमि है इस के कण-कण में भगवान का वास होता है। लिहाजा एक मृतक आत्मा की याद में अवैध कब्जे कर बनाये निर्माणों की तुलना मंदिरों से करना सनातनी संस्कृति एवं देवभूमि का अपमान है। हमारी ही संस्कृति है जो जंगल को भी पर्यावरण एवं मानव कल्याण की दृष्टि से भगवान को अर्पित करती हैं। ताकि लोग जंगल को लोग ना काटे, सुरक्षित रहे और पर्यावरण का महत्व अपने दिनचर्या में आत्मसार करें। ऐसे देवता समान जंगल में कुत्सित एवं आपराधिक मंशा के लिए बने अवैध अतिक्रमणों पर हो रही कार्यवाही का तो सभी को स्वगात करना चाहिए। लेकिन अफसोस कांग्रेस वर्ग विशेष को खुश करने के लिए पौराणिक मंदिरों की आड़ लेकर अवैध मजारों को बचाना चाहती है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा, ऐसी किसी भी कोशिश को भाजपा सरकार कभी सफल नही होने देग।