सीएम धामी ने ITBP के ‘हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान को दिखाई हरी झंडी..

सीएम धामी ने ITBP के ‘हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान को दिखाई हरी झंडी..

कहा सीमाओं की सुरक्षा के साथ सांस्कृतिक विरासत भी होगी सशक्त..

 

उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के ‘हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान 2025’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में ट्रैकिंग को बढ़ावा देना, जवानों की शारीरिक क्षमता का परीक्षण करना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। सीएम ने इस मौके पर आईटीबीपी के जवानों के साहस और समर्पण की सराहना की और कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ साहसिक अभियानों में ITBP की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने हाल ही में अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना का उल्लेख करते हुए दिवंगत यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े हैं।

अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। सीएम ने जानकारी दी कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन और चुनौतीपूर्ण यात्रा करेगा। यह अभियान सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी करेगा। धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान, स्थानीय परंपराओं और विरासत को प्रोत्साहन, सीमावर्ती क्षेत्रों में ट्रैकिंग व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा जैसे बहुआयामी उद्देश्यों को साथ लेकर आगे बढ़ेगा। सीएम धामी ने कहा कि सीमाएं केवल भौगोलिक सीमाएं नहीं होतीं, वे हमारी सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं की पहचान भी होती हैं। इस अभियान से हमें न केवल सुरक्षा की नई रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव भी बढ़ेगा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान 2025 को रवाना करते हुए कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड के बड़ी संख्या में युवा सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा कर देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। सीएम ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 1962 से ITBP न सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा में जुटी है, बल्कि हर आपदा में राहत व बचाव के मोर्चे पर भी अग्रणी भूमिका निभाती आई है। सीएम धामी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल और अडिग है। धामी ने जवानों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह अभियान न केवल सैन्य कौशल को और सुदृढ़ करेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंपर्क, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक समन्वय को भी बढ़ावा देगा।

CM ने किया सरकार की योजनाओं का बखान..

सीएम धामी ने कहा है कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें आर्थिक सहायता से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक का समावेश है। सीएम ने शनिवार को ITBP ट्रैकिंग अभियान के रवाना होने के अवसर पर कहा कि शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को सरकारी सेवा में समायोजन की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों व पूर्व सैनिकों को राज्य परिवहन की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा। संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी में छूट। बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान योजना। सीएम ने कहा कि यह सरकार सिर्फ घोषणाएं नहीं करती, धरातल पर कार्य करके दिखाती है। उत्तराखंड के सैनिकों का बलिदान अमूल्य है और उनके परिवारों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है।

हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान 2025 का उद्देश्य क्या है ?

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान 2025 के बारे में जानकारी देते हुए आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि यह अभियान कुल 1032 किलोमीटर की दूरी तय करेगा, जिसमें 27 घाटियां और 27 दर्रे शामिल हैं। अभियान का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और वाइब्रेंट विलेज योजना को गति देना है। आईजी गुंज्याल ने कहा कि इस ट्रैकिंग रूट में 84 वाइब्रेंट विलेज आएंगे, जो सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ITBP का यह दल इन गांवों से सीधे संवाद करेगा और स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधों का वितरण भी करेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मकसद केवल ट्रैकिंग नहीं है, बल्कि सीमावर्ती गांवों में स्थायी विकास, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा देना है।