चीफ इंजीनियर भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित, पत्नी के नाम की फर्म को ट्रांसफर किए गए 10 लाख रुपये..

चीफ इंजीनियर भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित, पत्नी के नाम की फर्म को ट्रांसफर किए गए 10 लाख रुपये..

 

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में धामी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पेयजल निगम के एक भ्रष्ट चीफ इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब आरोपी इंजीनियर पर नौकरी दिलाने और विभाग में कार्य दिलवाने के नाम पर लाखों रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप सामने आया। काशीपुर निवासी संजय कुमार ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2022 में निर्माण मंडल देहरादून के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार ने उनकी फर्म को विभाग में ठेका दिलाने और पंजीकरण कराने का झांसा दिया था। इस काम के बदले अभियंता ने लाखों रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत की जांच के बाद सीएम के आदेश पर तत्काल प्रभाव से आरोपी इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। सीएम धामी ने पहले भी स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई सरकार की “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड” की नीति को मजबूत करती है।

उत्तराखंड में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसमें एक चीफ इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर सुजीत कुमार के कहने पर ‘कुच्चू-पुच्चू एंटरप्राइजेज’ नामक फर्म के खाते में पांच किश्तों में कुल 10 लाख रुपये ट्रांसफर किए। जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस फर्म की साझेदार (पार्टनर) स्वयं सुजीत कुमार की पत्नी हैं। शिकायत के साथ बैंक खातों और स्टांप पेपर से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे। मामला सामने आने के बाद विभाग ने सुजीत कुमार से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा था, लेकिन तय समयसीमा में उन्होंने कोई सफाई नहीं दी। उनकी चुप्पी को गंभीरता से लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की। जांच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद संबंधित चीफ इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मामले की आगे की जांच जारी है और अन्य संबंधित अधिकारियों की भी भूमिका की समीक्षा की जा रही है।