उत्तराखंड में बायोमीट्रिक हाजिरी व्यवस्था का पहला दिन रहा चुनौतीपूर्ण..

उत्तराखंड में बायोमीट्रिक हाजिरी व्यवस्था का पहला दिन रहा चुनौतीपूर्ण..

अधिकारियों और कर्मचारियों की लगी लंबी कतारें..

 

 

 

उत्तराखंड: मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन के सख्त निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार ने एक मई से बायोमीट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू की थी। हालांकि यह व्यवस्था पहले ही दिन लड़खड़ा गई, जब अधिकारियों और कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा। मुख्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी को अनिवार्य किया था, लेकिन पहले दिन तकनीकी समस्याओं और कर्मचारियों की संख्या के कारण यह व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर पाई। इससे प्रशासनिक कामकाज में थोड़ी देर हुई और कर्मचारियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने बायोमीट्रिक सिस्टम के सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों में यह व्यवस्था सुचारू रूप से काम करने लगेगी, जिससे सरकारी दफ्तरों में समय की पाबंदी और कार्यकुशलता बढ़ेगी।

सुबह जैसे ही सचिवालय खुला तो कर्मचारी अपनी हाजिरी लगाने लगे। देखते ही देखते हाजिरी मशीन जवाब देने लगी। बताया जा रहा है कि मशीन के सर्वर में तकनीकी दिक्कतें आ गई। कर्मचारी समय से तो पहुंच लेकिन हाजिरी के लिए कतारबद्ध होना पड़ा। बाद में सभी ने मैन्युअल हाजिरी लगाई। उत्तराखंड सचिवालय संघ ने हाजिरी का यह मामला मुख्य सचिव को बताया और समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया। उन्होंने मुख्य सचिव को कहा कि कई कार्मिक देर रात तक कार्य करते हैं। विशेष रूप से निजी सचिव संवर्ग और वाहन चालक को अधिकारियों के देर रात बैठने के कारण उन पर ये नियम थोपा जाना उचित नहीं है। सभी कार्मिक शासन में अपने काम को पेंडिंग नहीं रखते हैं। ईमानदारी से कार्य दायित्व का निर्वाहन करते हैं।