उत्तरकाशी में भालू का आतंक, रैथल गांव में एक और ग्रामीण पर हमला..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जनपद में भालुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह हो गई है कि ग्रामीण घरों से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं। ताज़ा मामला भटवाड़ी ब्लॉक के रैथल गांव का है, जहां गुरुवार को भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जानकारी के अनुसार रैथल गांव निवासी हरीश कुमार पुत्र सुंदर लाल सुबह गांव के पास ही काम कर रहे थे, तभी अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह उन्हें बचाया और 108 एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी पहुंचाया, जहां उनका उपचार चल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले एक महीने में भटवाड़ी ब्लॉक में भालू के हमले की यह 11वीं घटना है। इससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है।
ग्राम प्रधान बुद्धि लाल ने वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में भालू की लगातार बढ़ रही सक्रियता के बारे में विभाग को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो ग्रामीण आत्मरक्षा के लिए मजबूर हो सकते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों पर तत्काल नियंत्रण न किया गया तो किसी बड़ी अनहोनी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी ब्लॉक में इन दिनों भालुओं का आतंक ज्यादा देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस वर्ष वन्यजीवों की सक्रियता सामान्य से कहीं अधिक है। पिछले एक महीने में भालू के हमलों में 11 लोग घायल हो चुके हैं, जबकि दो महिलाओं की जान जा चुकी है। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना कि आए दिन भालू के दिखाई देने या हमले की खबरें सामने आ रही हैं। दहशत का आलम यह है कि ग्रामीण खेतों और जंगलों में चारा या पत्ती लेने भी नहीं जा पा रहे हैं। सबसे अधिक प्रभावित इलाका अस्सी गंगा घाटी है, जहां हाल ही में भालू ने एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
सड़क की खराब स्थिति के कारण ग्रामीणों को घायल महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए डंडी-कंडी का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि मोटरमार्ग कई दिनों से बंद पड़ा है। इस बढ़ते संकट के बीच जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि वन विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को आवश्यक उपकरणों की खरीद और त्वरित कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन की ओर से धनराशि उपलब्ध कराई गई है। डीएम ने यह भी कहा कि अब ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ रही है, और लोग अकेले जंगल या खेतों में न जाने की सावधानी अपना रहे हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से सबसे आवश्यक कदम है। लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए स्थानीय लोग जल्द से जल्द प्रभावी समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके जीवन और खेती किसानी पर मंडरा रहा खतरा कम हो सके।
