छात्रों के अपार आईडी बनाने में पिछड़े ये जिले..
दून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, नवंबर तक पूरा करना था लक्ष्य..
उत्तराखंड: प्रदेश में कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी और निजी विद्यालयों के 22 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बननी है, जो केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक अहम योजना है, लेकिन योजना में देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले फिसड्डी साबित हो रहे हैं। हालांकि अन्य जिलों का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं है। सभी जिलों को पिछले महीने नवंबर 2024 तक शत-प्रतिशत छात्रों के आईडी कार्ड बनाने के लक्ष्य को पूरा करना था। उत्तराखंड सहित देशभर में इन दिनों छात्र-छात्राओं की स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री बनाई जा रही है। 12 अंकों का एक ऐसा आईडी कार्ड हैं, जो छात्र-छात्राओं के लिए छोटी कक्षा से लेकर उनकी पढ़ाई खत्म होने तक स्थायी रहेगा। केंद्र सरकार की ओर से लगातार शत प्रतिशत छात्र-छात्राओं के यह कार्ड बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशालय ने भी इसके लिए तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
प्रमाणपत्र सत्यापित कराने की नहीं पड़ेगी जरूरत..
अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला का कहना है कि अपार आईडी बनने से छात्र-छात्राओं को अपने प्रमाणपत्र सत्यापित कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका शैक्षिक रिकार्ड एक जगह सुरक्षित रहेगा। इससे छात्र-छात्राओं को जहां सुविधा मिलेगी, वहीं, फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला के अनुसार उत्तराखंड के निजी और सरकारी सभी विद्यालयों में नौ और 10 दिसंबर को मेगा अपार मेगा दिवस मनाया जाएगा। उत्तराखंड सहित देशभर में यह दिवस मनाया जा रहा है। राज्य में अब तक 50 फीसदी छात्र-छात्राओं के भी अपार आईडी नहीं बने। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि इस महीने के भीतर अनिवार्य रूप से सभी छात्र-छात्राओं के अपार आईडी बना लिए जाए।