धारचूला में मजदूरों पर नेपाल की ओर से पत्थराव, झूलापुल बंद कराया, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पिथौरागढ़। धारचूला के घटखोला में काली नदी किनारे दीवार (तटबंध) निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से की गई पत्थरबाजी के कारण निर्माण कार्य में लगा नेपाली मूल का एक मजदूर घायल हो गया। मिनी स्टेडियम के पास भी मजदूरों पर पथराव किया गया। नेपाली नागरिकों ने भारत-नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल को बंद कर दिया। इससे दोनों तरफ चार बरातें फंस गईं। नेपाल की तरफ झूलापुल पर इकट्ठी भीड़ को खदेड़ने के लिए नेपाल पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें एक भारतीय रमेश कुटियाल को भी चोटें आईं। पुलिस-प्रशासन ने छह बजे पुल खुलवा दिया, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
बाढ़ से धारचूला कस्बे की सुरक्षा के लिए इन दिनों सिंचाई विभाग काली नदी किनारे तटबंध बना रहा है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर रविवार को घटखोला में तटबंध निर्माण के कार्य में लगे थे, तभी नेपाल की ओर से कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। निर्माण स्थल पर पथराव करने से वहां अफरातफरी मच गई। निर्माण में लगे मजदूर पत्थरों से बचने के लिए इधर-उधर भागे। कुछ देर बाद ही मिनी स्टेडियम के पास भी मजदूरों की ओर पत्थर फेंके गए। निर्माण कार्य में लगे डडेलधूरा नेपाल निवासी जय सिंह सिर पर पत्थर लगने से घायल हो गया। मजदूर को धारचूला के संयुक्त अस्पताल ले जाया गया जहां उसके सिर में पांच टांके लगे। नेपाल की ओर से पत्थर फेंके जाने से निर्माण कार्य प्रभावित हुआ। पत्थरबाज नेपाली नागरिकों ने अपनी तरफ से झूलापुल को भी बंद कर दिया। पत्थरबाजी की घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम दिवेश शाशनी, एसएसबी के निरीक्षक कश्मीर सिंह समेत नेपाल प्रहरी के भी कई जवान मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने कहा कि इस मामले में नेपाल के अधिकारियों से बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा। नेपाल क्षेत्र से पत्थरबाजी करने वाले लोगों ने नेपाल की तरफ से पुल को बंद करा दिया। चार बजे बंद पुल बंद कर दिए जाने के कारण दोनों तरफ भारत और नेपाल के लोग फंसे रहे। चार बरातें भी दोनों ओर फंसी रहीं। नेपाल क्षेत्र में लोगों की भीड़ को हटाने के लिए नेपाल पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें भारतीय क्षेत्र के रमेश कुटियाल को भी चोटें आईं। छह बजे पुल खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। नेपाल की ओर से जब रविवार को लोगों ने भारत की ओर पथराव किया तो नेपाल पुलिस भी वहां पर मौजूद थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नेपाल पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों को रोकने का प्रयास नहीं किया और मूकदर्शक बनी रही।