देहरादून । वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान विधानसभा भवन, देहरादून में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार दे रहे एलोपैथिक होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया। विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अग्रवाल ने सभी कोरोना योद्धाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
विधान सभा सचिवालय में तैनात अधिकारी कर्मचारी एवं उनके पारिवारिक सदस्य जो कोरोना संक्रमित पाए गए उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान कर एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ द्वारा अपनी हर संभव सहायता प्रदान की गई।विधानसभा अध्यक्ष ने सभी मेडिकल स्टाफ का उत्साहवर्धन करने के उद्देश्य से डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ को सम्मानित किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में स्थित चिकित्सालय के डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार में अपने उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान की गई, जिससे विधानसभा परिसर में कोरोना संक्रमण को समय रहते यथासंभव नियंत्रित किया गया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता के कारण जब परिजन कोरोना पीड़ितों से मिलने के लिये भी तैयार नहीं थे, उस दौर में स्वास्थ्य विभाग के योद्धाओं ने कोरोना मरीजों का उपचार कर मानवता की बेमिसाल तस्वीर प्रस्तुत की है। ऐसे योद्धा हम सबके लिये वंदनीय और अभिनंदनीय हैं।उन्होंने कहा कि हमारे मेडिकल स्टाफ की जितनी भी तारीफ की जाए कम है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा के लिए समर्पित रहकर फ्रंट लाइन में डटे रहे।
इस अवसर पर एलोपैथिक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सतीश चंद डोभाल, होम्योपैथिक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ विनोद शर्मा, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ हरीमोहन त्रिपाठी, चीफ फार्मेसिस्ट के.एस फरस्वाण, फार्मेसिस्ट अशोक पांडे, फार्मेसिस्ट नीलम वर्मा, कक्ष सेवक नवनीत चंदोला, लैब टेक्नीशियन दीपक पुंडीर, चालक पितांबर दत्त चमोली, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चीफ फार्मेसिस्ट विशंभर दत्त को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया गया। इस मौके पर विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, वरिष्ठ निजी सचिव अजय अग्रवाल, विशेष कार्याधिकारी ताजेंद्र नेगी, समीक्षा अधिकारी राजीव बहुगुणा, प्रवीण जोशी, जय बडोनी सहित विधानसभा के अन्य कर्मचारी मौजूद थे।