चारधाम यात्रा में सुरक्षा-तकनीक का नया रिकॉर्ड, रेंज कार्यालय में पहली बार बना हाई-टेक कंट्रोल रूम..

चारधाम यात्रा में सुरक्षा-तकनीक का नया रिकॉर्ड, रेंज कार्यालय में पहली बार बना हाई-टेक कंट्रोल रूम..

 

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा 2024 पुलिस के लिए चुनौतियों और सुरक्षा चिंताओं से भरा रहा, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद इस बार रिकॉर्ड स्थापित हुआ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर थीं, जिसके चलते पहली बार चारों धामों में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। इसके साथ ही यात्रा के दौरान धराली जैसी आपदा परिस्थितियों से भी पुलिस और प्रशासन ने बेहद प्रभावी और तेज़ी से निपटकर बड़े हादसों पर नियंत्रण किया। इस सफल और सुरक्षित यात्रा प्रबंधन का श्रेय जाता है पहली बार रेंज कार्यालय में स्थापित किए गए हाई-टेक चारधाम कंट्रोल रूम को।

इस कंट्रोल रूम ने यात्रा को एक डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम की तरह संभाला जहां मौके से पल-पल की जानकारी रियल टाइम में जुटाई गई और उसी आधार पर संबंधित स्थानों पर तुरंत फोर्स को तैनाती के आदेश जारी किए गए। चारधाम कंट्रोल रूम के नोडल अफसर, एसपी ट्रैफिक देहरादून लोकजीत सिंह ने कहा कि इस वर्ष 59.36 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से 51.06 लाख यात्रियों ने चारों धामों के दर्शन किए। यह आंकड़ा अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ता है और इस यात्रा के सुरक्षित संचालन को बड़ी उपलब्धि बनाता है। सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय, तकनीकी निगरानी और जमीन पर त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली टीमों ने इस बार चारधाम यात्रा को न केवल सुरक्षित बनाया, बल्कि आपदा प्रबंधन का भी उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया।

रियल-टाइम निगरानी के लिए इस बार यात्रा मार्ग को हाई-टेक सुरक्षा कवच प्रदान किया गया, जिसमें 1600 सीसीटीवी कैमरे, 13 ड्रोन और पहली बार धामों में लगाए गए हेड काउंट कैमरे शामिल रहे। ये तकनीकें भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा आकलन तक हर स्तर पर बेहद कारगर साबित हुईं। यातायात प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के लिए पूरे मार्ग को रणनीतिक रूप से 42 जोन, 137 सेक्टर और 15 सुपर जोन में विभाजित किया गया। इससे हर क्षेत्र में त्वरित निर्णय लेने और भीड़ नियंत्रण में आसानी हुई। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर 23 बाटल-नेक चिह्नित कर सुधार किए गए, ताकि यात्रियों को अनावश्यक जाम और जोखिमों का सामना न करना पड़े।

सुरक्षा और सुविधा को मजबूत करने के लिए इस वर्ष 23 नई सीजनल पुलिस चौकियां स्थापित की गईं। कुल मिलाकर 6500 पुलिस कर्मियों की तैनाती ने यात्रा प्रबंधन को और अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाया। अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के तहत केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 12 कंपनियां चारों धामों में तैनात रहीं, जबकि संवेदनशील क्षेत्रों में राज्य एटीएस भी सक्रिय रही। इस बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था ने यात्रा को न सिर्फ सुरक्षित बनाया, बल्कि यात्रियों को एक भरोसेमंद माहौल भी प्रदान किया। चारधाम यात्रा 2024 तकनीक, सुरक्षा और बेहतर समन्वय का एक सफल मॉडल साबित हुई, जिसने आगामी यात्राओं के लिए नए मानक स्थापित कर दिए हैं।

यात्रा के दौरान हुए प्रमुख कार्य..

992 बीमार यात्रियों को इमरजेंसी मेडिकल सहायता प्रदान की गई।

गंभीर हालत वाले 43 यात्रियों को हेली एंबुलेंस से एयरलिफ्ट किया गया।

आपदा या भूस्खलन के दौरान फंसे 16,696 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

बिछड़े 275 यात्रियों को उनके परिजनों से मिलवाया गया।